चलो तुम चेहरा दिखाओ
और मैं हुनर दिखाता हूँ
अवनीश-
हम भी दरिया है साहब..
हमे अपना हुनर मालूम है..,
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे..
रास्ता अपने आप निकल जाएगा..।
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अब साहिल की मेरे दिल को चाहत कोई नहीं
अगर नाकाबिल ही काबिल है।-
अम्मा की फटी धोतियों से वो दिलदरिया गढ़ लाते हैं,,
न जाने मेरे ये नन्हें माशूक मुझे इतना क्यों चाहते हैं??-
हर बात खुलकर बताने लगे हैं,
जब से हम खुद को चाहने लगे हैं।
शुरू किया है काम जबसे अपना हुनर निखारने पर,
कई गैर भी हमें अपनापन दिखाने लगे हैं।
छोड़ा है जबसे दूसरों के लफ्ज़ों की परवाह करना,
एक सुकून भरी जिंदगी हम बिताने लगे हैं।
एक वक्त पर की खूब नफ़रत जिन लोगों ने हमसे,
वो आजकल सामने से ख़ुद हाथ मिलाने लगे हैं।
इस सफ़र में थोड़े और बिगड़ गए हैं हम यारों,
अब उन्हें और भी ज्यादा चाहने लगे हैं।
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हमको पता है अपने हुनर का दर्जा..
उनकी तारीफें मतलबी भी हो सकती हैं !
सुयश..!!-
हुनर...!!
सब मे एक हुनर जरुर होता है
जरूरत है तो बस उस हुनर को
ढूंढ़ने की तराशने की
ओर खुद को उसमे डालने की...!
हर एक मे होती है कुछ न कुछ खूबी
जिसमे होती है उसकी मजबूती...!!
@read and smile
# find yourself-
उम्र लगाते हैं एक हुनर को सीखने में...
फिर उसे घंटों के हिसाब से बेच देते हैं,
काबिलियत से आपकी फिर कोई और छापता है करोड़ों...
और आप एक छोटी सी तनख्वाह में खुश हो लेते हैं।-