एक शख़्स बहुत ख़ास था वो मेरे लिए,
आया था ज़िन्दगी में एक दोस्त बन कर मेरे लिए,
कुछ पल के लिए लगा जैसे हमदम मिल गया हो कोई मुझे,
कुछ ही वक़्त बाद छोड़ गया वो मुझे।-
हाथों में मेरे बस हाथ तेरा हो तेरी बाहों में मेरी दुनिया हो।
खुशियाँ हो या हो ग़म बस रहना तुम हर कदम मेरे संग ओ मेरे हमदम।-
❣️कभी थी ये हिस्ट्री ,की रिश्ते.. हुआ करते थे, मीठी पेस्ट्री🍰..
रिश्ते अब हो गए है मिस्ट्री, बनते बिगड़ते है मतलब से, ,
अब रिश्ते हो गए है एक फैक्ट्री...❣️
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तुम्हारे पहलू में मेरे हमदम अगर लिखी हो वफात मेरी...
लम्हा भर भी ना मांगू मोहलत मैं हंसते हंसते ये जान दे दूं...
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माफ़ ना कभी करना मेरे गुनाहों को मेरे मालिक
और मुझे बदले में एक हंसीं मौत भेंट दे देना।।
जुदा जब तू करना मुझे मेरे उस पाक़ हमदम से
तो अपनी निश्छल चादर का मुझे ओट दे देना।।-
मुझे अब न होगीं जीत की ख़ुशी,
न मुझे होगा अब हार का गम,
अब थक चुकें है ये मेरे कदम,
चल घर चले ये मेरे हमदम।-
Dil ke zakhmo ko hara rakhta hai
Kisi humdam ka dia hua lagta hai....-
तेरी बाहों में दुनिया मेरी तेरी पनाहों से मुझे प्यार है
ख़ुशी मिले या ग़म मुझे तेरे साथ हर सफ़र को तैयार मैं-