आज का मानव समाज में ऐसा मिश्रित है...
कि सब एक दूजे को बांटते विष हैं, पर लगता वह अमृत है...
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Sometimes, it feels like we should keep options in life.
Because, uncertainty lies everywhere and
human behaviour on the top of it.
It's not about betrayal. but,
more about self- care and self-protection.-
हाँ, मै कुत्ता हूँ पर तुमसे तो अच्छा हूँ।
तुम इंसान होकर भी मूर्ख और गवाँर हो, मै जानवर होकर भी बेह्द समझदार हूँ।
तुम मुझपर करते कितना अत्याचार हो फिर भी मै तुम्हारे घर का पहरेदार हूँ।
तुम अच्छे भोजन का भी करते तिरस्कार हो मै सूखी रोटी खाने को भी रहता तैयार हूँ।
तुम अपनों के ही पीठ पे करते वार हो, मै गैरों से भी करता प्यार हूँ।
तुम प्यार पाकर भी ग़द्दार हो, मै मार खाकर भी ईमानदार हूँ।
एक चोट तुम्हें लगे तो मै करता तुम्हें दुलार हूँ और गर मुझे लगे तो मै हो जाता बेकार हूँ।
तुम धोखेबाज़ तथा मक्कार हो, मै तो जन्मजात वफादार हूँ।
तुम असंतुष्टि तथा अहंकार के भरमार हो इसीलिए तुम्हारी मै निंदा करता बार-बार हूँ।
बस यही कारण है कि आज मै कह रहा हूँ - हाँ, मै कुत्ता हूँ पर तुमसे तो अच्छा हूँ।-
गिरगिट जैसा रंग
बदलने में जो मशहूर,
कैसा मनुष्य है रे क्रूर,
सही - गलत के चक्रव्यूह में चूर,
छल - कपटी है भरपूर।।
- पूजा गौतम
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"बोल कडवे है, मगर सच्चे हैं"
तुम जीने का ईमान भुलाकर,
जो दौलत का गुमान लिए बैठे हो..!!🙄
ना जाने कितने ही, गुनाहों में शरीक़ होकर,
अब हाथों में अपने, गीता-कुरान लिए बैठे हो..!!😐
मज़हब की आड़ में, ना जाने कितने ही घर जला दिए,
क्या दिलों में अपने, यहीं हिन्दुस्तान लिए बैठे हो..??🤨-
Aadate 🍾🍷zara kharab hai hamari Varna insan to Ham bhi acche hi thae.
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अगर किसी अपने की बात है तोह इंसान हर खतरे से गुजरने के लिए तैयार रहता है।
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