देखी नहीं कभी होलिका को जलते
संवत से भक्त प्रहलाद को निकलते
अग्नि ही दिखी केवल मुझे मचलते
एवं हम सब होली की जय थे करते-
की इस बार अपने होली के कार्यक्रम को कुछ इस तरह सजाया है
अपने सारे अरमानो को दूर जाकर एक होलिका में जलाया है।-
May all the negativity , sadness , stress in your life burn along with holika .
Happy Holika Dahan 🔥-
देखी नहीं कभी होलिका को जलते
संवत से भक्त प्रहलाद को निकलते
अग्नि ही दिखी केवल मुझे मचलते
एवं हम सब होली की जय थे करते-
पूरणमासी को हुआ प्रह्लाद हनन संकेत
होलिका अग्नि बैठ गई ओढ़ चादर समेत
हुआ वेगवान समीर अग्नि होलिका अचेत
भक्त प्रह्लाद अग्नि से आएं ओढ़कर निकेत-
तुम्हें भूलने की मेरी आखिरी कोशिश भी नाकाम तब हुई
जब होलिका में जलकर भी मैं तुम ही रही-
देवी को देखे अब हम इतने दिव्य नही रह गये
बुरे कर्मों को जला ले इसलिए सिर्फ अग्नि दिखे-
प्रहलाद की अटूट भक्ति,
होलिका के अहंकार का नाश,
प्रभु नारायण की एक और लीला,
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक,
होलिका दहन की शुभकामनाएँ !
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