मेरे प्यार की इन्तहा किस हद तक, ये मेरी पहचान बताती है,,,,💕
तुझ बिन सोचूँ वजूद मेरा, तो मेरी हस्ती मिट जाती है॥
लब्जो से जाहिर ना हो सका, जो दिल💕 का फसाना,,
पढ़ ले इत्मिनान से वो जो नजरें कहना चाहती है॥
मेरे प्यार की इन्तहा किस हद तक, ये मेरी पहचान बताती है,,,
तुझ बिन सोचूँ वजूद मेरा, तो मेरी हस्ती मिट जाती है॥
देखे बिना तुझे एक पल सुकून से रह पाते नही,,,, 💕
पूछ लो इन रातों से, जो नींदें जागकर बिताती है,
मेरे प्यार की इन्तहा किस हद तक, ये मेरी पहचान बताती है,,
तुझ बिन सोचूँ वजूद मेरा, तो मेरी हस्ती मिट जाती है॥
असफलताओ के सहारे शायद यूँ तो जिन्दा भी रह जाउँ मैं,,,,,
मगर जीने के लिए जिंदगी, हिमानी विजय चाहती हैं,,,,
मेरे प्यार की इन्तहा किस हद तक, ये मेरी पहचान बताती है,,,,
तुझ बिन सोचूँ वजूद मेरा, तो मेरी हस्ती मिट जाती है॥
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