दिल का तार कहां जुड़ पाई उससे
संपर्क साधा नहीं कभी की संपर्क टूट गई
हमारे बीच कुछ था हीं नहीं
फिर क्यूं एहसासों का आलम छूट गई..!
खामोश तो मै भी रहता हूं
आजकल वो भी बहुत चुप रहता है
छत की मुंडेर पर ढूंढे निगाहें मेरी उसको
बारिश हुआ करती थी हर शाम
जब तिरछी नजर से देखे वो मुझको
हम भी छोड़ दिए जाना उसके गली
एक रोज़ खबर उसकी जैसे मिली
एक वक़्त उसके जुल्फों की परछाई
मेरे सर तक रहता था
सुना हूं आजकल वो नहीं
तो उसके घर पे बहुत धूप रहता है..!-
झुठे लोग हैं......मतलब की बाते करते हैं...!२!
दिलो को खुले आम जखम दिने वाले भी "डॉक्टर" बनणे की बात करते हैं........!!!!!-
सुनो,
आधा टुकड़ा ले जाओ मेरे दिल का,
कभी तुम्हारा तोड़े कोई, तो जोड़ लेना।।
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Har roz Yaad Teri, Satati rahi mujko.
Tuje kithna chahu Mai ye khabar Nahi tujko.
Dil me Tere liye Pyaar jagaye rakhe hain Ham abhi takh.
Par tu tho Nikal Gayi akela chodke Mujko.😔😔-
ये मेरा दिल-ए-नादाँ कितना मासूम है...
वो छोड़कर गए
पर लौट भी आये,
फिर भी ये रोता ही रहा।।-
हमपर किसी का कुछ दिनों के लिए रहम हुआ था ,
उन्हें मोहबत है हमसे......... 🤔
हमें ये वेहम हुआ था ।😔-
Aaj ateet ne phir rula diya,
Kaisi hai yeh zindagi jisne yeh sila diya,
Do lafz likhne ka salika na tha
Zindagi ki thokaron ne mujhe shayar bana diya-
" यूं ही नहीं हुआ 'मीठी जुबां' वाला खारा
जरूर किसी निगाहों में तैर कर आया है"-
हममें वो बात कहां
जो उन्हें हमारे लिए बेचैन करे
हम तो महज़ एक ज़रिया रहे
कि जब समय था तो दिल बहलाते रहे
और फिर अचानक दरकिनार कर गए...
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