यूं ही बर्बाद नहीं हूँ मैं
खुद से ही आज़ाद नहीं हूँ मैं
मेरा ज़हन मुझसे कहता है
कि खुदको ही याद नहीं हूँ मैं
दो बातों से ही टूट जाता हूँ
औरों की तरह फौलाद नहीं हूँ मैं
वक्त हो गया सब कुछ लुटे
इक अरसे से आबाद नहीं हूँ मैं
कभी कभी हंस लेता हूँ
इतना भी जमाद नहीं हूँ मैं
इक छाप छोड़नी है मुझको
पर मेरे ही बाद नहीं हूँ मैं-
मेरे अंदर के दु:ख, कब क़हर बन गए
कब आंसू बन गए, कब ज़हर बन गए
रंग दिए जिन्हे इंसां ने, पाश्चात्य सभ्यता से
वे भोले-भाले गाँव अब, सारे शहर बन गए
जो सिर्फ प्यास बुझाते थे, छोटी चिड़िया की
पानी के वो कतरे, तूफ़ां की लहर बन गए
जो भी चाहते थे, मुझे गर्त में धकेलना
उनके ये ख़्याल, उन्ही के लिए गहर बन गए
जिसने चाहा दिल से मन्ज़िल तक पहुँचना
उसके कदमों से कितने ही डहर बन गए
मेरे अंदर के दुःख, कब कहर बन गए
कब आंसू बन गए, कब ज़हर बन गए-
"आदत"
आदत है उसकी, बात बात पे मचलने की
आदत है मेरी भी, उसकी इस अदा पे फिसलने की
वो दिन कहे तो दिन कहूँ, वो रात कहे तो रात
आदत जो है मेरी, उसके इशारों पे चलने की
पानी कहाँ कभी अपना रंग बदलता है
आदत तो रंगों की है, उसमें घुलने की
अंधेरा कब कहता है कि मुझे याद करो
आदत तो सूरज की है, हर शाम ढलने की
पत्ते कहाँ चाहते हैं, पेड़ से जुदा होना
आदत तो मौसम की है, इस तरह बदलने की
ग़म तो छुपा लिए जाते हैं, मुस्कुराहट के पीछे
आदत तो आंसू की है, आंख से निकलने की
ये इश्क़ कहाँ देखता है ऊँच-नीच,जात-धर्म
आदत तो इज़्ज़त की है, मिट्टी में मिलने की-
Make yourself worthy enough
that people yearn
to be worthy of you.-
जो करने की तुमने ठानी है
वो प्रतिभा दुनिया को दिखानी है
क्या आज मुश्किल सवाल हल किये
या डर से इरादे अपने बदल दिए
जो कमरा तुमने पन्नो से सजाया है
यकीनन कुछ तो ज्ञान कमाया है
दर्द से ये उंगलियां भी कराहती हैं
पर उस कलम को बहुत चाहती हैं
मन में कुछ खास लिए बैठे हो
हाँ! तुम जीत की आस लिए बैठे हो-
हमें बेहतर तभी मिलता है,
जब हम बेकार से समझौता करना सीख जाते हैं।-
The most slothful person
is the one who doesn't want
to make use of his calibre.-
Woman's ability and brilliance
are determined by
how round her chapati is.-