अफसोस नहीं की हमेशा सफर में रहा
कायदे से चला था, हमेशा कदर में रहा
थमना है जिन्हें शायद मंजिले मिलती है उन्हें
मैं तो मुसाफिर हूं, मुसाफिर ही रहा-
हिंदी मैं जानू, हिंदी मेरी जान..!
हिंदी मैं बोलूं,हिंदी ... read more
खुशी को सता कर देखा है
हर गम को हँसा कर देखा है
अधूरे हैं अभी भी अरमान
हर रश्म निभा कर देखा है
हर रंग लगा कर देखा है
मीरा-कबीरा से भी यहीं सिखा है
वो भी रंगे थे हम भी रंगे हैं
कृष्ण(काला) के आगे सब रंग फीका है
~प्रशांत
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..बेशकीमती लब्ज़ कहीं तो जाया करो
आखिर दिल है दिल का हाल बताया करो..
KH@M©SH
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...कि काश कोई ऐसा तिलिस्म हो जाता
तू ना हो तब भी हमेशा
तेरे होने का एहसास हो जाता..
KH@M©SH
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बस हमेशा खुश रहना सिखो
गम किसे नही इस जहां में
कोई दिखा जाता है
कोई छुपा के कहता है
कि सबसे खुश हैं हम इस जहां में..
@KH@MOSH-
यहीं तो जिंदगी है
कभी गम के साए में हम
तो कभी खुशी के प्याले में तुम
कभी तुम पे कोई ढाहे सितम
तो कभी मेरे हिस्से में बहुत सारे गम
मैं समझूं की मैं सबसे तकलीफमंद
कभी तुम समझोगे कि सबसे ज्यादा मेरे गम
ChUlBuL-
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माना कि कितना भी ये प्यारा शहर है
मगर गांव में एक छोटा हीं पर हमारा घर है
दूरियों से नही है उलाहना किसी तरह का
दिल है हिंदुस्तानी
प्रेम से भींगोदे हर जमी का शहर भी हमारा घर है
यूं तो कह दें भले हीं शहर की उड़ान अच्छी लगती है
जहां हम वो घर हमारा वो शहर हमारा
मगर सच तो ये है कि
होली-दिवाली अपने गांव की हीं अच्छी लगती है
ChUlBuL
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एक शाम ऐसी भी होती जिसका सूरज कभी न ढलता
मै रोज़ इसी तरह मुस्कुराता बस ये आज, कल में नहीं बदलता..!!
ChUlBuL-
मै तोप नहीं हवा का झोंक नहीं
स्नेही हूं मां का कोंख नहीं
हां, हंसता विलखता मै भी हूं
ममता है भरपूर मन में रखता शोक नहीं..!
ChUlBuL-
दिल में रखोगे या दुआ में याद हमें..
बांधोगे जंजीरों में या उड़ने दोगे
पंछी की तरह आजाद हमें..
ये कैसी उलझन है मन में
फना होकर कहीं
कर दोगे आबाद हमें या वही
बिछड़न देके बर्बाद हमें..
ChUlBuL-