उनके लिए,मेरा हर एक पल फ़ुरसत है,
मेरे प्यार और विश्वास की,वो जो मूरत है।
हर आईने में दिखती अब उन्ही की सूरत,
वो संगमरमर उस ताजमहल से भी खूबसूरत है।
समझाऊं कैसे उन्हें,
प्यार करना ही मेरी फिदरत है।
ना उम्र का दोष ना दिल पर कोई बोझ,
उनके हो जाने का,यही शुभ मुहूर्त है।
-