हवा का झोंका,
बात का लहजा,
हौले से छू जाए
तो इश्क़!
जो ज़ोर बढ़ जाए
टूटता है फिर बहुत कुछ,
कुछ बाहर
तो कुछ अंदर!
हवा का झोंका
बात का लहजा!-
Dhoke se kaun darta hai janaab,ye zindagi toh khud ek dhoka hai..
Jao aap b jeelo apni zindagi aapko kisne roka hai..
Ek paheli,ek junoon,ek tinka hai zindagi aur ye pal ek aur khus hone ka mauka hai..
Maza toh tab aayega jab bawandar mai chakkar katenge,ye zindagi toh bas ek mast hawa ka jhonka hai..-
मन में भरें गहरे दर्द
जिसका बोझ लिए मैं
शायद सुकून से कभी जी नहीं पाती
उन भारी यादों ने मेरे मन को काबू में
कर रखा था।
एक ऐसा बोझ जिसे मैं उठा ना पाती।
उस वजनदार, गहरे दर्द को मैंने
कागज़ पर लिखा,
और एक हवा के झोंके ने आकर उस
वजनदार दर्द भरे पन्ने को पल भर में
पलट दिया।।-
मैं सोच सोचकर उसके बारे में थोड़ा थम सा गया था,
और वो मुझे हवा का झोंका समझ के चल दी किसी और के पास!-
मैं पतझड़ की बयार प्रिये,
तुम तो शीत लहर का झोंका हो।।
मत कर ऐतबार मेरा,
अरे! मत कर तू ऐतबार मेरा,
मैं तो इक धोखा हूँ।।।।
मैं पतझड़ की बयार प्रिये,
तुम तो शीत लहर का झोंका हो।।।।।।।😊-
جل رہا تھا میں تپش میں،
راکھ ہونے کو تھا-
آیا تیز ہوا کا جھونکا،
پھر راکھ بھی نہ رہا-
Jal raha tha mai tapish me,
Raakh hone ko tha.
Aaya tez hawa ka jhonka,
Phir rakh bhi na raha.-
उसका साथ मीठी हवा ए झोंका था..
तो बिछोह तुफान ए तबाही क्यों बन गया...-
मैं तो झोंका हूं हवाओं का उड़ा ले जाऊंगा
जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊंगा..-
खिड़कियां खुली रखी है मैंने
उस हवा के झोंके के लिए
जो तेरी देह की सुगंध से
मेरी रुह को महकाती है..-
Tum aana khidhki par mai tumhe niche se dekhunga,,
Bas rakhna tum apni zulfe khuli,,
Mai tumhare liye hawa ka jhoka bhejunga !!-