ख्वाहिशों के महलों में...
रहने से अच्छा है...
जरूरतों की गलियों में...
एक छोटा सा घर बनाना...-
गलियों मे एक गली तेरी भी मशहूर हो गयी ,
हमसे करके मोहोब्बत तू भी बदनाम हो गयी..!
Kaalra...g-
उसके घर को जाने की सड़कें हज़ार थीं
लेकिन दिन में दस बार
वो मेरी ही गली से निकलता था ।।-
अब भी याद आता है वो लम्हा जान
अब तो तुम चले गए हो मेरी जिंदगी से
फिर भी पता नहीं क्यों जिक्र होता है
अपना इन कॉलेज की गलियों में-
ना जाने दुनिया कहा से कहा पहुंच गई,
ओर एक हम है,
उनकी यादो के साथ उनकी ही गलियों मे खड़े है..-
ये काशी है जनाब
गलियों का शहर है
थोड़ी सकरी जरूर है
पर बाहें फैलाए
एक दूसरे से मिलती
ये गलियां अपना दिल
बड़ा रखती है......
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hum aaj bhi un gliyon se gujra krte hai...
ki shayd unka didar ho jaye..!!-
"आते रहगें तेरे गाँव और गलियों में...
पर अब वो मुलाक़ात आख़िरी होगीं,,,
बात नहीं होगी अब शाय़द...
जो हो चुकी वो बात आख़िरी होगीं,,,
और मेरे किस्सें कहानी तो हमे़शा याद रहेंगे,,
पर जिस किस्सें में तुम आ गई...
वो किस्सा आख़िरी होगा..!!"-