Ritika Maurya   (MauryaReetu)
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writer✍
Advocate👩‍💼
My book-आरजू नये कल की 📖
Joined 29 May 2020


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My book-आरजू नये कल की 📖
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13 SEP 2022 AT 16:31

कभी यादों से
निकल कर
चाय पर आओ न☕💕

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9 SEP 2022 AT 20:38

सुनो न!
तुम मुझसे दूर हो
लेकिन.....
मेरी चाय में तुम्हारी
हिस्सेदारी आज भी है।☕😘💕

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19 AUG 2022 AT 16:01

आगमन्.....
शुभ आगमन्.....
लड्डू गोपाल का
स्वागतम.....
शुभ स्वागतम.....
मेरे मुरली माधव लाल का
आरम्भ.....
शुभ आरम्भ.....
सुख समृद्धि और आध्यात्म का
त्याग.....
शुभ त्याग.....
क्रोध चिन्ता और परिणाम का।
🙏🙏🙏🙏🙏

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3 JUL 2022 AT 22:36

लिख के मिटा देती हूँ
हाल-ए-दिल अपना
इस जमाने में कोई
अब सुनता नहीं।
ये प्यार इश्क मोहब्बत
सब अफवाह है
अब यादों की चादर
कोई बुनता नहीं।
दर्द तकलीफ आँसू बेवफाई
मिलती है किसी की वजह से
वरना शौक से इन्हें
कोई चुनता नहीं।।

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20 JUN 2022 AT 9:34

गर्मी की धूप में खुद को तपाया है
बारिश की बूंदों से खुद को भिगाया है।
जब भी हम ठिठुरे इन सर्द हवाओं से
अपना भी कंबल हमको ओढाया है।।

एक ही दिन क्यों हर दिन है आपका
पापा आप है तो सारे गम है लापता।
जब भी मुश्किल लगे जीवन का सफर
आपको याद करने भर से आसान हो रास्ता।।

आपकी बेटी हूँ मैं आपसे सम्मान है
आपने दिया मुझे खुशियों भरा जहान है।
आप बिन कुछ नहीं मैं न कोई रुतबा मेरा
आपने ही दिया रीतिका मौर्य मुझको नाम हैं। ।

आप हमेशा खुश रहे.....स्वस्थ रहें.....आपको हर दिन के लिए हम बच्चों की ओर से ढेरों शुभकामनाएँ

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13 JUN 2022 AT 2:09

मुझको दिल से भुलाओगे कैसे
होठों पर मुस्कुराहट लाओगे कैसे।।
मैं रीतू हूँ रूह में बसती हूँ तुम्हारी
मेरे बिन साँसें ले पाओगे कैसे।।

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29 MAY 2022 AT 16:19

होठों पर मुस्कुराहट
दिल में ढेरों बात हो
कह जाऊँ मैं बेझिझक
जो कोई भी जज़्बात हो।
तकलीफ हो जब कभी
सुकून की वजह बनना
ये साथ ये हाथ न छूटे
चाहे कोई भी हालात हो।।💕

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23 FEB 2022 AT 10:44

आओ लौट चलें बचपन में
थोड़ी सी नादानी कर लो
हो हँसना रोना और मनाना
सारी याद निशानी कर लो।
दिन में यारों की यारी
रात में आँचल की छाँव
मस्ती वाली जिद हो फिर से
थोड़ी सी मनमानी कर लो।।

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7 FEB 2022 AT 13:55

वीरान हो गये शब्द सभी
स्वर ने भी तोड़ा नाता है।
जन्म यहीं है मृत्यु सही है
जीवन की कैसी गाथा है।।

   हो गई सूनी संगीत की गलियाँ
   लगती अब सब धुनें पराई हैं।
   सप्तक भी अब शान्त हो गये
   सुर लय ताल से हुई जुदाई है।।

स्वर कोकिला हमें नाज है
कभी तुम्हें भूल न पायेंगे।
याद रहोगी युगों-युगों तक
गीत तुम्हारे गुनगुनायेंगे।।

    अमर रहेगा नाम तुम्हारा
    हो भारत का तुम सम्मान।
    परिचय की मोहताज नहीं
    ये आवाज़ तुम्हारी है पहचान।।

विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏🙏🙏🙏— % &

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17 JAN 2022 AT 18:26

सुनो न!
चुप हो जाउंगी एक दिन
हमेशा के लिए.....
और तरसोगे तुम मेरी
आवाज़ सुनने को। 💔

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