Whom to course...
Whom to abuse...
Society, those bastards...
System or government...
Kya dekh rhe h hum,
Har roj aisi ghtna..
Har roj sharmshar hoti hui...
Insaniyat...
Aur bharat ki betiyaan...
#justice_for_Priyanka_Reddy
#shrAman
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वक़्त वक़्त की बात है वक़्त का ही सब नज़रिया है घटिया लोग घटिया मंजर के साथ साथ घटिया नियत भी दिखा देते है...
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Sorry to write,but I am too right.
जो जो लड़कियों को माल कहते हो......
याद रखना एक दिन ऐसा भी आयेगा जब तुम्हारे जैसे घटिया लोग तुम्हारी लड़की को भी........बोलेंगे!! 🙏🙏-
वो जो हर बार तुम मेरी औकात पूछा करते हों,
बस वही पे तुम अपनी औकात बता जाते हो !
🙏🙏🙏-
बहु सबको सर पर पल्लू रखने वाली चाहिए
लेकिन अगर
बेटा पर्दे वाली पसंद कर ले
तो बेटा हाथ से निकल गया
घूंघट वाली सबको चाहिए लेकिन पर्दे वाली नही
बहु सबको खुबसुरत पढ़ी लिखी वारिस देने वाली और दहेज भी लेकिन बेटी किसी को भी पसंद नहीं
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कुछ चालाक लोगों ने समझाया मुझे,
कि सीधा होना कितना ख़तरनाक है।-
kuch aise ghatiya log hai jo request karte hai ki please follow me aur jab koi follow kar deta hai toh for usko unfollow karke tismaar khan ban jate hai .sharam aati hai aise tuksh mansikta walo par .
ab kisi ne aisa kiya na mere profile par
toh samjhauga nahi sidhe badhiya wale slok suna dunga ...
agar kisi ki post achi lagti hai toh like karo aur follow karo but ye bikhari wali harkate na kiya karo ki plese follow me aur like me...-
तुमने जिन अपनों को देखा वो शायद तुम्हारे अपने थे ही नहीं अपने जो होते है वो दुखों को तुम्हारे पास आने देते ही नहीं
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बातें!
अक्सर हम कहते हैं कि हमें लोगों की बातों से फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए।
क्योंकि लोगों का काम है कहना
पर कुछ बातें दिल में चुभ सी जाती हैं उसे कहने वाला इंसान
हमेशा के लिए आंखों में गिर जाता है
और जब जब नज़रें उसे देखती है तो फिर वहीं
बात याद आती हैं
कभी कभी तो समझ नहीं आता कि लोगों को क्या मिल
जाता होगा?
एक ऐसे इंसान को दुःखी करने जिसने
कभी ठीक से ख़ुश होना भी नहीं सीखा है
फ़िर वहीं लोग मिलते तो ऐसे हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं
"हैरानी होती हैं
ऐसे लोगों को देख के जो इतने गिरे
और दिल के इतने नीच होते हैं।"
(बातें इतनी आसानी से भूलती नहीं
कुछ तो मरते दम तक याद रहती हैं
इस लिए अपने शब्दों का चयन ठीक से करें)
किसी के दिल को दुखाने से बड़ा कोई अपराध नहीं
पर ये बात और है कि इसके लिए अभी तक
संविधान में कोई प्रावधान नहीं।-