विवाह के पूर्व दर्शाया गया प्रेम,
विवाह के पश्चात अश्रुओं में परिवर्तित हो जाया करता है।-
सुकून बनना था तुम्हें मेरा,
मगर महज़ तुम दर्द बनकर रह गए।
कुछ परेशानियां बताना चाहती थी मैं तुम्हें,
मगर बस तुम शिकायतें ही कह गए।
जाते हुए मुड़कर एक दफा भी न देखा तुमने,
मेरे पास एक टूटा हुआ दिल और तुम्हारी यादें रह गई।-
जिनसे सारे रिश्ते जुड़े हैं,
रिश्तों की पहचान है,
जिनके होने से मैं हूं,
मुझमें जान है,
हर पल जिसे साथ लिए फिरती हूं,
वो शान मेरे पापा हैं,
मेरा अभिमान,मेरा स्वाभिमान मेरे पापा हैं।
मैं हूं मां सी,
पर लगती हूं पापा सी,
मैं केवल उनकी बेटी नहीं,
उनकी परछाई हूं,
मेरा पूरा आसमान,
पंखों की जान,
हौसलों की उड़ान मेरे पापा हैं,
मेरा अभिमान,मेरा स्वाभिमान मेरे पापा हैं।
मेरी ज़रा सी सफलता पर,
जिनकी आंखों से आंसू रुकते नहीं,
मेरी तारीफ़ के लिए,
जिनके पास शब्दकोश की कमी नहीं,
मेरी बातों में जो दिखता है,
वो मान मेरे पापा हैं,
मेरा अभिमान, मेरा स्वाभिमान मेरे पापा हैं।-
उससे प्रेम करके मैंने अपने समग्र जीवन को तपस्या बनाया है,
अब वो समग्र जीवन तपस्या करके भी मुझ सा प्रेम नहीं पाएगा।-
ये जो तुम दुनिया पाने के लिए बावले हुए जा रहे हो,
कभी सोचा है, मिल गई तो क्या करोगे?-
जो मेरे अश्रु , मेरी पीड़ा , मेरे शब्द , मेरे मौन को न समझा,
वो मेरी तपस्या को क्या समझेगा.......-
एक दिन सब कुछ होगा उसके पास,
फिर भी ज़माने के हर शख़्स में मुझे ढूंढता फिरेगा।-
मेरा प्रेम अनंत, अखंड, शाश्वत है तुम्हारे लिए,
जो तुम जानते हो, वो इस अपार सागर की एक बूंद भी नहीं...-
अनंत प्रेम है मुझे तुमसे,
मेरे अलावा,मेरे पास इस बात का कोई और प्रमाण नहीं.....-