लाला का लिखा पढ़ी, बाबू साहब के हल्ला, और भूमिहार के चुप रहल बाद में बुझा ला !!!
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गमछा हमारा , आन -बान और शान है, इसलिए हमबिहारी करते इसका सम्मान हैं। ये सिर्फ कपड़े का एक छोटा टुकड़ा नहीं, बिहार और बिहारियों के लिए पहचान है!
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😈कोरोना है, Mask लगाकर रहा करो
👤हमारा क्या है, फकीर आदमी हैं, चल पड़ेगें
"गमच्छा लपेटकर"
😂😂😂😂-
उसके दुपट्टे को गमछा मानकर
बाँधा था कभी अपने माथे पर
सोचा था तक़दीर ने लिख दिया
उसका नाम मेरे माथे पर
बरसों बाद नज़र आयी वो एक शादी में
तो सुकुन से लौटा मैं अपने रास्ते पर
लाया था जो बिंदी कभी राजधानी से
वहीं बिंदी पाया उसके माथे पर-
का बोले बबूआ ??
इ गमछा से हम गवाँर लगते हैं !
अरे तुम्हे क्या पता ???
सुनो ना...
एहि गमछावा से ना
हम रंगदार लगते हैं !!-
वे क्या समझेगा इस गमछा की कीमत जो सूट बूट पर ही करता अभिमान हो यह गमछा हम सब की आन बान और शान है
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गमछिया.. हऽ सान
बिहारीयन के सान गमछिया..
अहो सांचे कहीं त हऽ जान गमछिया
पहिनिहें भले खादि गुचि वुचि
रखे त बस मान गमछिया
बिहारीयन के सान गमछिया...
बन जईहें नेता साहेब बड़का बाबू चाहे कलक्टर
तबो रहे उनके खातिर परधान गमछिया
बिहारीयन के सान गमछिया...
पहिनले सब कुछुवे के बाद तबो रहे लेवे के अरमान गमछिया
बित गईल कतने जबाना अबहूँ हमनी के ई पहचान गमछिया
परल सकेता धुपे लुकहरि जाड़े देवेले आराम गमछिया
अरे भईया तबे तऽ कहिला
बिहारीयन के सान गमछिया..
हऽ बिहारीयन के सान गमछिया..
.... प्रीतम 💕
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