कहते हुए चांद मुबारक अकारिब आ गएदेख के रिश्ते खौम आंखों में आसूं आ गए कहने को तो खुशी का मौका है ईद मुबारकरोना पड़ा,गम- किस्से याद पुराने आ गए -
कहते हुए चांद मुबारक अकारिब आ गएदेख के रिश्ते खौम आंखों में आसूं आ गए कहने को तो खुशी का मौका है ईद मुबारकरोना पड़ा,गम- किस्से याद पुराने आ गए
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अब तो याद उसकी आने लगी ज्यादा औरएक चांद रात, ईद पे मिलने का इरादा और -
अब तो याद उसकी आने लगी ज्यादा औरएक चांद रात, ईद पे मिलने का इरादा और
उसूल ए मोहब्बत,वादे,कसमे,दोनों की रज़ा याद आती हैं ज़ुबान ए मोहब्बत से पुकारी सारी सदायें याद आती हैं भुलाना चाहता हूं उन सभी साथ गुजारे दिनों को तारिक़ पर हुस्न ए कमाल की बेमिसाल अदायें याद आती हैं -
उसूल ए मोहब्बत,वादे,कसमे,दोनों की रज़ा याद आती हैं ज़ुबान ए मोहब्बत से पुकारी सारी सदायें याद आती हैं भुलाना चाहता हूं उन सभी साथ गुजारे दिनों को तारिक़ पर हुस्न ए कमाल की बेमिसाल अदायें याद आती हैं
मैं अक्सर कुछ सोचता रहता हूं,वो सोच कहीं तुम तो नहींलोग कहते हैं मैं मुकुराने लगा हूं,कहीं मुझे कोई गम तो नहीं -
मैं अक्सर कुछ सोचता रहता हूं,वो सोच कहीं तुम तो नहींलोग कहते हैं मैं मुकुराने लगा हूं,कहीं मुझे कोई गम तो नहीं
नर्म लहज़ा, सादगी वो सदाखत हैं अमल मेरेफक्त मोहब्बत ही नसीब में नहीं,दरअसल मेरे -
नर्म लहज़ा, सादगी वो सदाखत हैं अमल मेरेफक्त मोहब्बत ही नसीब में नहीं,दरअसल मेरे
ऐं खुदा मेरे हिस्से की खुशियां भी लिख दे उसी के हिस्से मेंअब खुशनुदियां ही किस काम की जब वो नही मेरे हिस्से में -
ऐं खुदा मेरे हिस्से की खुशियां भी लिख दे उसी के हिस्से मेंअब खुशनुदियां ही किस काम की जब वो नही मेरे हिस्से में
खुशियों की छांव में खड़े रहे अहलो अयाल सभी तारिक़! गम की धूप में पास दिखा नहीं कोई भी -
खुशियों की छांव में खड़े रहे अहलो अयाल सभी तारिक़! गम की धूप में पास दिखा नहीं कोई भी
गर कोई पूछे तो उससे ये कह देनावो आशिक मेरा गुमनाम फिरता हैगर चाहो खरीदना, कीमत बस इतनी हैतुम नाम मेरा लेना, वो बेदाम बिकता है -
गर कोई पूछे तो उससे ये कह देनावो आशिक मेरा गुमनाम फिरता हैगर चाहो खरीदना, कीमत बस इतनी हैतुम नाम मेरा लेना, वो बेदाम बिकता है
साल -ए -नौ के तख़य्युल से दामन नम हो गया धीरे से जिदंगी का एक ओर साल कम हो गया -
साल -ए -नौ के तख़य्युल से दामन नम हो गया धीरे से जिदंगी का एक ओर साल कम हो गया