अच्छी भली चल रहीं थी जिंदगी,
फ़िर दोस्तों ने शहर बदल लिए।-
Priyanka Bhati
(©प्रियंका भाटी🖌️)
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Joined 14 February 2018
24 NOV 2024 AT 15:08
बेमानी हवाएं शाखाओं को बख़ूबी मचला रही है,
जड़े हैं कि ज़मीर को हिलने ही नहीं दे रही हैं।-
30 JUL 2024 AT 21:33
बोझ ढोता आदमी
कोई फरक नहीं
गांव और शहर में
बस बोझ ढोता आदमी
फिर कोई फरक नहीं
अमीरी और गरीबी में
बस जिंदगी को ढोता आदमी।-
8 JUL 2024 AT 23:40
चालणु पण धरम सूं
बैठणू पण भईया म
खाणु पण धीरज सूं
बात करनूं पण होले सूं
जिणु आपका सुपना सूं।-
8 JUL 2024 AT 23:22
बस दे जाती हैं...अनगिनत ख़्वाब,
याद दिला जाती है वो अनछुए लम्हे
जिन्हें कभी जिया ना गया हों
बस महसूस करा जाती हैं...
अधुरी रह गईं बातों को।
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2 APR 2024 AT 19:31
भटकता हुआ......
कठपुतली की तरह
नाचता हुआ ..
बिना किसी स्वप्न के
बस चलता हुआ...
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19 MAR 2024 AT 15:14
मिलें तो सगळ्ले है
पण आपा एक तो राजस्थानी
ऊपर से मेहनती
ढंको तो बाजणु ही है-