किसान दिवस
मंडी में सौदा लेकर गये किसान दुत्कार दिए जाते हैं
सियासत , बैंक किसानों को दर्द हजार दिए जाते हैं
सब शहर में बैठ के प्याज के दाम पे तंज कसते रहे
मिरे मुल्क में कर्ज के हाथों किसान मार दिए जाते हैं-
यूं खुद की लाश अपने कांधे पर उठाये हैं,,
ऐ शहर के वाशिंदों!हम गांव से आये हैं...।
-अदम गोंडवी-
कमाकर खाते , ओर तुम्हे भी खिलाते है।
किसी को कोई हक नही हमे कुछ कहने का ।
कोई हक छीन रहा है इसलिए निकले है बाहर
वरना कोई शोक नही , सड़को पर बेठने, का।-
Happy "National Farmers Day" to all of you.🙏😄
तो "शेतकरी राजा" पिकवतो म्हणुन आपण जगतो आहोत...
थोडा घास त्यांच्या मुखात जाऊ द्या...
शेतमाल, भाजी शेतकऱ्याकडून खरेदी करताना
कृपया घासाघीस किंवा हुज्जत घालू नका..
कारण तो स्वतः शीळ पाकळं खाऊन आपल्याला
ताजं खाऊ घालतो...
"भारत देश🇮🇳 सदा कृषिप्रधान राहू दे,
आपल्या बळीराजाचं राज्य येऊ दे..."
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आत्महत्या कर गए किसान तब आई सरकार,
हाथ जोरी पैर पकड़ा और कह गए सूरदास की वाणी चार,
कि छूट गया अनाज सारा हो के परिवार तार-तार,
छोटी सी पेन्शन पर खूब हुआ व्यापार,
अब किसके पास लगाए अर्जी
सबको लगे ये बाते बेकार
और news reporter सारे कहते रह गए
आर या पार, आर या पार ॥
खुद के देशों का पता नहीं
करते रह गए विदेशों का दीदार,
कुछ किए या ना किए
लौट के आने पर खूब हुआ सादर-सत्कार,
और news reporter सारे कहते रह गए
आर या पार, आर या पार॥
पांच साल के बाद बन के आए है ये सारे लाचार
खुद तो कभी बदले नहीं और
समझा रहे है Abdul kalam के विचार,
और news reporter सारे कहते रह गए
आर या पार, आर या पार॥-
Teri mehnat se hi prerna hme milti h
Rat_ din tapta h tab hi jindgi palti h"!
Jai kisaan 🙏🙏-
ज़िन्दगी के साथ लडक कर,
दुसरे की भोंक का ध्यान देकर।
चलता है क्षेती करने के लिए,
दुसरे को खाना देने लिए।
बारिश, जाड़, गर्मी ना करें ध्यान,
लगता है हरदम अपने मान।
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कृषी समाज रचनेचा कणा
तो माझा शेतकरी कायम सुखात रहायला हवा
त्याला हवी फक्त
निसर्गाची योग्य साथ
ना कसली अपेक्षा
दिवसरात्र राबतो
तो घाम गाळतो
अपार कष्टतो
तेव्हाच पेटते
चुल त्याची व आपलीही
रोजच ...-