इक तर्ज़-ए-तग़ाफ़ुल है सो वो उन को मुबारक
इक अर्ज़-ए-तमन्ना है सो हम करते रहेंगे
- #फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
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दिल ना-उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है,
लंबी है गम की शाम मगर शाम ही तो है।
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-
नहीं निगाह में मंज़िल तो जुस्तुजू ही सही
नहीं विसाल मयस्सर तो आरज़ू ही सही
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-
یوں سجا چاند کہ جھلکا ترے انداز کا رنگ
یوں فضا مہکی کہ بدلا مرے ہمراز کا رنگ-
गर बाज़ी इश्क़ की बाज़ी है जो चाहो लगा दो डर कैसा
गर जीत गए तो क्या कहना हारे भी तो बाज़ी मात नहीं
~फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ साहब-
आज तुम याद बेहिसाब आए
आँख में आँसू भी कम ना आए ।।
हाथों में एक खंजर था जो मेरे
वो अपने ही दामन पे चला आए ।।— % &-
Har Rag Khoon Me Chiraagan Ho,
Saamne Phir Woh Be-Naqaab Aaye,
Aaj Tum Yaad Be-Hisaab Aaye.— % &-
Happy Birthday!!
Faiz Ahmad Faiz
مجھ سے پہلی سی محبت میرے محبوب نہ مانگ، میں نے سمجھا تھا کہ تو ہے تو درخشاں ہے حیات!!
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देख कर तुम्हारे लिखे ख़त स्कूल के
पुराने बस्ते में, आज तुम याद बेहिसाब आए,
राह से गुज़रते हुए जब जब प्रेमी जोड़े नज़र आए, कमबख्त तुम याद बेहिसाब आए, सोचा था याद नहीं करेंगे तुम्हें, लेकिन गुज़रे जो स्कूल के पास से, साथ बिताए हसीं पल याद आए और बेहिसाब आए।— % &-
Aaj tum yaad behisab aye
Aur mazi ke panne khulte gaye
Jab teri tasveer se
hamari nazarein
rubarru hui to
Aaj tum yaad behisab aye
Aaj tum yaad behisab aye...!!!-