Students have two semesters per year,
Employees have appraisals once in a year,
But, why do politicians have elections once in five years?
We fail if we don't perform well,
But, why do they pass even if they don't perform well?
If elections were held once in a year,
Maybe,
Well, maybe,
India would have been a developed country by now.-
अब की बार भी नेताजी का इतना सा फ़साना है
वादों की खाली पोटली देकर वोट भरके लाना है
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चुनाव की तीव्र आँधी चल रही है
आरोपों की धूल उड़ रही है
नफरतों का कचरा फैल रहा है
विश्वास के खंबे लुड़क रहे हैं
संबंधों के तार झूल रहे हैं
सभ्यता की दीवारें ढुलक रही हैं
भाईचारे की छतें दरक रही हैं
अमन के कबेलू चटक रहे हैं
सौहाद्र के दरख़्त उखड़ रहे हैं
अपनेपन की टहनियाँ टूट रही हैं
हर आँख में घृणा की किरकिरी है
और बेचारा अतुल्य भारत..
घबराया, सहमा सा
एक हाथ से धोती
तो दूसरे हाथ से पगड़ी संभाले
इस तूफान के गुज़र जाने की
प्रतीक्षा में है...
है ना 'फनी'...?-
सोचो ज़रा देश के
Progression का Time है।
वोट करो यार👍
Election का Time है।-
शहादत याद रखेंगे, अंग्रेज़ों के खिलाफ़ उनकी जायज़ बगावत याद रक्खेंगे।
"माता भारती" के लिए जो "आजीवन" उन्होंने की थी वो इबादत याद रक्खेंगे।
जान की बाज़ी भी लगा दी थी जो देश की ख़ातिर वो हिमाकत याद रक्खेंगे।
"देशद्रोहियों" से जो थी उन वीर सपूतों की आमरण "अदावत" याद रक्खेंगे।
उन वीर सपूतों को हम बचा न सके आत्मग्लानी की नदामत याद रक्खेंगे।
सभी धर्म के देशभक्तों में जो आपसे में थी वो अटूट रफाक़त याद रक्खेंगे।
भारत माता की आजादी के लिए सभी शहीदों की मसाफ़त याद रक्खेंगे।
माता को ग़ुलामी की ज़ंजीर से छुड़ाने के लिए उनकी फ़ुरकत याद रक्खेंगे।
है कुछ आस्तीन के साँप जो हमारे शहीदों का सम्मान नहीं करते हैं "अभि"।
उम्मीद है आज के दौर में वो "एहसान फरामोश" हमारी हिदायत याद रक्खेंगे।-
जिसे आना है वो तो आएगा ही
और वो जो कोई भी हो ;
आसमां में आशियां बनाने से पहले
एक बार ज़मीन के ज़ख्म ज़रूर देख ले...!-