एक मोहब्बत,दो मुलाक़ात और तीन रात की कहानी है,
बिन सोचे बहुत कुछ कह गयी वो,एक ऐसी मेरी दीवानी है।
एक एहसास,दो दिल और मुख़्तलिफ़ रास्तों में रवानी है,
तुम रहो न रहो पास मेरे,मुझे तो ये इश्क़ मर के निभानी है।
ढाई अक्षर की प्रेमिका के संग ढाई अक्षर का प्रेम है कितना,
इस बात का गवाह है वो खुदा,मुझे अब और नही समझनी है।-
Tumhe dekh liya, Bss itna hi kafi hai
Tumhe mahsoos kiya, Bss itna hi kafi hai
Humari baatien zaruri nhi
Tum dur se hi dekh kr muskura diya
Ab Iss adhuri mohabbat ko mukammal hone ke liye
Itna hi kafi hai-
आज उनसे मुलाकात होगी!!
लगता है बहुत खास होगी.....
गरजते बादलों के बाद होगी!!
भीगते लम्हों के साथ होगी!!
और मौसम हो चला है अगर मुहब्बत का.....
फिर तो मेरे शहर में भी बरसात होगी!!-
Din ho ya raat,
sochta hoo bas ek hi baat,
ho jaye uss zaalim se,
pehle jaisi mulakat.-
यूं ख्वाबो में गले न लगाया करो
सारा दिन लत लगी रहती है
तुमसे मिलने की...!!❤️-
शायर मैं अच्छा हूँ, ये दुनिया कहती है
आशिक़ मैं सच्चा हूँ ,ये उसकी निगाह कहती है।-
Mohabbat ho gayi hai phir se shayad
Main phir se chand ko paane chala hoon
Bahut roya tha jo ik baar kar ke
Wahi galti main dohraane chala hu
💔💔💔-
वो कहते हैं कि अगर फ़िर से मुलाक़ात होती
फ़िर कोई चांद खिलता फ़िर एक हसीं रात होती
पहले शिकवे-शिकायतें होती ज़रा मनमुटाव रहता
फ़िर सब ठीक हो जाता और मौहब्बत की बात होती
Wo kehte h ki agr fır se mulaqat hoti
Fır koi chand khilta fır ek hasi raat hoti
Pehle shikwe-shikayate hoti zara manmutav rehta
Fır sb thik ho jata aur mohabbat ki bat hoti-