ख्वाब
एक सपना है,
जिसमें एक छोटा कायनात अपना है।
जहा ना भीड़ है तरकी की,
ना पैसों का ख्वाब है,
बस चैन है सुकून है, और खुसियो का तालाब है
ना फ़िकर है किसी चीज की,
ना गमो का सैलाब है,
एक ऐसी बड़ी दुनिया मैं
बहुत छोटा पर मेरा ये ख्वाब है।
एक ऐसी दुनिया,
जहा ना जीत हो,ना हार हो।
वाह खुसियो की बहार हो।
ना नफरत का अंधकार हो
जहाँ सिर्फ़ प्यार ही प्यार हो
चाहे छोटी हो वो दुनिया पर,
वहा उम्मीदों की कीलकार हो
ख्वाब मे ही सही पर ऐसा एक संसार हो।
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