ईद मिलाद-उन्न-नबी मुबारक
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Aaj kal log Independence Day manate h, Republic Day manate h aur uske jhande hath me,bike pe,car pe lgaker ghumte Khushi se jhumte h lkn jab baat aati h hmare Nabi Kareem ﷺ k Wiladat k din charaga karne ki sb to sb hadees mangne lagte .... Jab ki jiski wajah se Allah ne duniya banayi, Zameen wa Aasmaan bnaya, yha tak zarre zarre ko bnaya aur usi k khushiyan mnane k liye suboot maangte aur baqi dusre kaam k liye koi hadees ya suboot nhi mangte....
Aap isi se andaza laga sakte h ki hmara emaan kitna mazbut h .....-
دنیا کی ہر فضا میں ہے اجالا رسول کا
یہ ساری کائنات ہے صدقہ رسول کا
خوشبو گلاب ہے پسینہ رسول کا
آپ کو بھی ہو مبارک مہینہ رسول کا-
Hum Jaise Fakeeron Ke Liye,
Mohabbat Mein م Ka Matlab محمد (S.A.W) Hota Hai..!!-
ज़माने में ख़ुशियों क़े उजालों से हर दिल को सज़ा लेना,
हर ग़मज़दा क़ो तुम हिम्मत देना क़ि सब्र रखे,
जहान में ऐलान करवा देना क़ि ग़ुनाह से तौबा करते रहें,
क्योंकि बहुत ज़ल्द हमारे हुज़ूर रसूल ए पाक़ “ﷺ” आ रहे हैं।।
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इल्म की तलाश करने वाला इंसान जाहिलों
के दरमियान वैसा है,
जैसा मुर्दों के दरमियान कोई ज़िन्दा इंसान-
किस किस नु मैं ना जा मिलया
पर मैंनू ना खुदा मिलया
ढूंढ़ण नु उसने
मैं जग जग फिरैया
पर मैंनू ना अल्लाह मिलया
लख लख शुक्र उस खुदा दा
जिसने नबी ﷺ आपनु भेज्या
नबी ﷺ जे मैं आपनु मिलया
ता ही मैनु पता अल्लाह दा लगया
लख लख सलामा नबी ﷺ आपदे ऊपर
लेते लेते नाम जे मैं आपदा
नबी ﷺ मर जाउँ
एक कतरा भी आपदे अहसाना दा
फेर भी ना मैं चुका पाउँ
सलाम है... सलाम है...
लाखो करोड़ो उन पर सलाम है
जिनका ये दिल गुलाम है-
जुल्फे सरकार से जब चेहरा निकलता होगा,
फिर भला कैसे कोई चाँद को तकता होगा..
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ऐ हलीमा ये बता तू ने तो देखा होगा,
कैसे तुझ से मेरा महबूब लिपटा होगा..
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क़ाबिले रश्क है सिद्दीक़ तेरा आँसू,
गार में आप के रुख पर जो टपका होगा..
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कितनी खुश बख्त है वो गलियाँ यारो,
जिन में बन थन के मेरा महबूब निकलता होगा..
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जब कभी आप अंधेरे में निकलते होंगे,
शबे तारिख में खुर्शीद भी चमकता होगा..
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मुझे को मालूम है तैबा से जुदाई का असर,
की शाम शम्स भी रोते हुए ढलता होगा..
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रहेगा यूँ ही उनका चर्चा रहेगा
पड़े खाक हो जाएं जल जाने वाले
-इमाम अहमद रजा खान-
है फख्रे दो आलम की सना अब भी अधूरी,
सदियों से अतीको के कलम टूट रहे हैं,
बिल आखिर..
बाद अज खुदा बुजुर्ग तुई किस्सा मुख्तसर।-