ये मंडप की खाली कुर्सियाँ गवाह हैं...
दहेज के वजह से...
आज फिर से कई जिंदगियांँ तबाह हैं...-
जो माता पिता अपने लड़के के विवाह पर दहेज की मांग करते हैं बह असल में अपने बिकाऊ लड़के की कीमत मांगते हैं
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लड़का का जब जन्म हुआ,
उजियारा सा छाया मन में ।
लड़की की जब जन्म हुई,
अंधियारी सी छाई मन में ।
हाथ पर हाथ धरे घर में बैठें हैं सपरिवार,
ना जाने कितना दहेज लेगी ....
यह सोचकर पड़े हैं सभी बीमार।।
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दुनिया में ना जाने कितने पाप हैं
खुशी खुशी करते हम और आप हैं
दहेज़ लेना गर एक अभिशाप ही है
तो क्यों इसके बोझ तले झुकता एक बाप है
सारी जिंदगी एक एक रुपया जोड़ता है
अपने हर शौक से मुंह मोड़ता है
बच्चों की खुशी के लिए मिट जाता है
फिर भी उनके होंठो पर हंसी सजाता है
अपनी पगड़ी उनके कदमों तले क्यों रखता है
क्यों लड़के वालों को भगवान समझता है
क्यों इन लोभियों को औकात नहीं बताते हैं
कटोरा थमा कर उनकी जगह नहीं दिखाते हैं
बूढ़े झुके कंधे जिम्मदरियों से दबे जा रहे हैं
दहेज के लोभी अपना मुंह फैला रहे हैं
क्यों नहीं उनको कोई देता जवाब है
गर सच में दहेज लेना एक अभिशाप है..
गर दहेज लोभियों के मुंह बन्द हो जाते
तो शायद बेटियों के जन्म पर भी पर्व मनाते
बेटी के लिए दहेज जुटाने पर ध्यान न जाता
बेटियों को भी बेटों जैसे आगे बढ़ाया जाता
कोई भी बेटी दहेज की आग में ना झुलसती
वो अपने ससुराल में खुशी खुशी रहती
तोहफ़े के नाम पर किसी पर अत्याचार ना होता
एक बेटी का बाप कभी लाचार ना होता।
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A person from his childhood, reads in his book that it is wrong to take and give dowry. Dowry is a curse for our society...
After growing up, when the same person goes to interview for a job, he is asked why the dowry system is curse for our society? So that person makes a long, wide and impressive speech. Let it be an interview of IAS, PCS or any other job, people pass their interview and get a job by giving a speech against the dowry system...
And the right time of marriage in India comes only after getting a job. The same person who gave a long speech on the dowry system to get a job, himself ask for the dowry on his own marriage...
Nowadays, it is customary to ask for dowry according to job in the society, for example, if there is an IAS then he will demand one crore in dowry, fifty lakh if PCS and someone is doing other government job, then he will demand at least twenty five lacs for dowry...
Do such people get so much education so that they can get maximum dowry...?
Everyone is getting educated by adding/ holding big degrees, but no one is making their personality big. No one is bringing positive changes in their behaviour towards dowry...-
कीमत 💵 तय करते हैं शायद
कुछ माँ-बाप अपने बेटे 👨 की
इसलिए तो दहेज 💰 लेते हैं वो
बेटी के बाप से शादी के नाम पर-
दहेज क्या है हम नहीं जानते
बेटी के साथ एक गाड़ी ,एसी थोड़ा सामान दे दो बेटी की खुशी का सवाल है हम बुरा नहीं मानते
जरा मॉडर्न परिवार है हमारा
साड़ी महंगी ही देना लैपटॉप ,मोबाइल फोन और एक घड़ी ब्रांडेड ही लेना
हम तो 10 लाख में भी खुश हो जाएंगे पर आप हमारे जैसा घर कहां ढूंढ पाएंगे-
ना जाने कितनी रातें नहीं सोई, ये आंखें क्या पता कब कब रोई
क्यूं होता है ऐसा कोई ना जाने, सब तो समझ गए पर दिल न माने
होती न तकलीफ पता होता अगर, इश्क़ गुनाह है पर हो गया मगर
सुना था इसका कोई धर्म नहीं है, जात-पात कांड और कर्म नहीं है
फिर क्यूं है इस पर इतनी बंदिशें, है पाक ये तो क्यूं है सारी साजिशें
दिल-दिमाग में छिड़ी कैसी ये जंग है, इन रिश्तों के उल्फत से रूह भी तंग है
अभी तो इज्जत का हिसाब भी देना है, हां बदले में एक और बोझ भी लेना है
एक तो पहले से मैं खुद गुनहगार हूं, हां अब तेरी बर्बादी में भी साझेदार हूं
तुम सोचोगे मैं खुश हूं किसी और की होके, मुझे तो बेचना है खुद को उसके संग सोके
आखिर उसने मुझे दहेज देकर लाया है, मैं तो मैं रही नहीं और ना ही वो काया है
अब अपनी कीमत इज्जत से जो लगाई है, लड़की हूं न ये तो सबसे होती ही पराई है
अपराजिता आनंद
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