अजनबी सी है वो, मगर कुछ अपना सा लगता है
उनकी बातों को छुप कर सुनना अच्छा सा लगता है
उनकी कोई भी शरारत करना प्यारा सा लगता है
अजनबी सी है वो, मगर कुछ अपना सा लगता है
उनका हर बात पर रूठ जाना बचकाना सा लगता है
उनका बेवजह यूं ज़िद्द करना फुसलाना सा लगता है
अजनबी सी है वो , मगर कुछ अपना सा लगता है
उनका वो धीमा प्यार जताना अपनाना सा लगता है
उनका वो मुझसे खिजलाना मनाना सा लगता है
अजनबी सी है वो , मगर कुछ अपना सा लगता है
उनका हर बात पर समझाना सीखना सा लगता है
उनका हर बात पर गूम हो जाना मिलना सा लगता है
अजनबी सी है वो , मगर कुछ अपना सा लगता है
कुछ पल देखु ना,कुछ पल बोलू ना,कुछ पल समझू ना
तो ये उनकी सारी हकीकत सपना सा लगता है
अजनबी सी है वो ,मगर कुछ अपना सा लगता है........
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