और वो शर्मीली लडकी
अब बेझिझक
बिना शर्म के
लिखती है खुलकर
आखिर कागज को कहाँ खबर है
स्याही मे भरे हुए शब्द
सब उसके चरित्र ने गढे है
वो रंग वो छंद
कविता का हर एक अंग
खुद जो रचती है
हाँ वो चंद्र की उपासना करती है
वो जो हर रात को आसमान से बात करती है
वो जो लोगो के खामोश होंटो के नीचे की बात पढती है
वो जो औरों के मन के दर्दों को भी समझती है वो जो गिर कर उठती है तो समुद्र मे भी लहरे उमंग की उठने लगती है
वो रोशनी है खुद मे ही
और उसके लेखन मे प्रकाश है निहित-
चेहरे के दाग़ मिटाने के लिए
हजारों मेकअप प्रोडक्ट मिल जाएंगे बाजार में,
परन्तु चरित्र पर लगे दाग़ को मिटाने के लिए?
भले ही कार्य कठिन हो, रास्ते भी मुश्किल हों,
समय भी थोड़ा अधिक लगे,
परन्तु जल्दबाजी में कोई गलत कदम न उठाएं,
सही राह पर चलें, सोचें, विचार करें,
फिर अपने कर्म पथ पर अग्रसर होवें।-
लांछन तो लगा दिया तूने मेरे चरित्र पर
चलो कुछ कसर रह गयी हो
तो वो भी पूरी कर लो-
फलानियों जरा हद में
रहा करो वरना पता हैं
न मैं भी एक लेखक हूं
तो तुम्हारे इस हुस्न पर
जो इतना इतराती हो न
तो मैं भी कुछ भी लिख
सकता हूं तुम्हारे चरित्र
के बारे में...
♥️🖤♥️-
स्त्री की सुंदरता और सौम्यता
उसके सुंदर चरित्र से होती है।
वह मुख पर सदैव मुस्कान लिए
सरल भाव से सभी का सत्कार करती है।
अपने मुखमंडल की कांति से
स्वयं के स्वाभिमान का परिचय देती है।
सहजता से सारी जिम्मेदारी निभाती
मर्यादित परिवार की वह शान होती है।।
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लोगों के बातों की फिक्र करोगे, लोग तब भी फक्र नहीं करेगें तुम पर
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You are so ' विचित्र '😛
I can't draw your ' चित्र '👰
But
I like your 'चरित्र '😍
Your heart is so ' पवित्र ' 👌😘
That's why you are my ' मित्र '👫😎-
औरत की मर्यादा,
उसकी साड़ी या बुरखा,
तय नहीं करते।
बल्की उसका,
चरित्र तय करता है ।-
"समझ में नहीं आता”
पवित्र रखना अपना चरित्र,
इस पर दाग ना लगने देना...!
बुरी सोच वाले और विश्वास नहीं हो
जिनको तुम पर, उनसे दूरी ही बना लेना...!!
जब उठे चरित्र पर सवाल तो,
कुछ “समझ में नहीं आता”...!
अच्छे-अच्छे सगे भी उस समय साथ
छोड़ देते हैं, कोई साथ नहीं निभाता...!!
किसी के सामने गिड़गिड़ाने से,
आजकल कोई नहीं सुनता...!
उस समय खामोश होकर विश्वास रखना ऊपर
वाले पर, दुनिया में हर इंसान नहीं समझता...!!-