विधाता की अदालत में वकालत बड़ी न्यारी है...
ख़ामोश रहिये कर्म कीजिए मुकदमा सबका जारी है…!-
And I'm nothing but first I'm a human..
And after that I'm just a lady...-
संगत मे है असर बेशुमार,ये तभी मुझको सिद्ध हो गया।
देखा मैंने जब पीपल से हाथ मिलाया एक पत्थर और शिव हो गया।
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।।जिस नगरी की मिटटी में पारस है बही तो काशी बनारस है।।
।। बम बम भोले जय काशी विश्वनाथ ।।-
प्रेम में पगी पार्वती....
मस्त मलंग शिव बम......
आज हुआ परिणय बँधन .....
शिव का पार्वती के संग....
छाल कपाल धारण किये...
सजे प्रभु भोले नाथ....
भूत पिचाश नंदी सहित....
ले निकले बारात....
स्वयं हुए बैरागी प्रभु....
दिया अर्धांगिनी स्थान...
प्रेम स्नेह इतना दिया....
विस्मित हुआ हर धाम...
जीवन को कुछ यूँ देखा....
मन में बसे शिव बम....
जिनको मिले साथी शिव सा....
उसका जीवन धन्य.....
शिव ही सत्य शिव सा सुंदर न कोय....
शिव से जिस दिन मिल गए ..
समझो पार उसी दिन होय....-
मदिरा से मुझको न कोई
वैमनस्य न प्यार कोई
नगरी भर इज्जत पखारे
झट चढ़े और चट उतारे
भांग ऐसी प्रेयसी है
हृदय में रखता बसा के
धीरे आए धीरे जाए
साथ ये लंबा निभाए-