जाने क्यों दुनिया दीवानी ,,
बनावट की है!!!
जो पूछ ले वो सच्चा जो ना पूछे वो झूठा हो जाता है!!!!
ये सादगी हमारी आज फिर मुजरिम हो गई ,,
जिसके दिल करे छोड़ कर चला जाता है ,,
यू अपनों से अब शिक़ायत करे भी तो क्या करे,,
सब अपने ही तो है रुठ कर भी क्या करे !!!????
हम नहीं जानते साबित करना अपनापन क्या होता है ,,
लेकिन जब से हुए जरा एहसासों से रूबरू हर कोई अनजान भी
अपना सा ही बताता है !!!!
वक़्त की कमी तो हमेशा रही है मेरे पास ,,
लेकिन अपनों को क्या कोई हर पल ये सब जताता है!!!
शिव जी जानते है हम है तो बहुत गरम मिजाज़ वाले ,,
लेकिन दिल है हर अपने को जाने क्यों माफ करता चला जाता है ,,,
रिश्ते अनमोल होते है गालिब,,
जाने क्यों कोई इनको सम्भाल नहीं पाता है ,,??
एक पल ही काफी होता है जनाब,
जो इनको बर्बाद कर जाता है !!!!
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