परखता तो वक़्त है,
कभी हालात,कभी मजबूरीयों के रूप में,
भाग्य तो बस आपकी क़ाबिलियत देखता है
जीवन मे कभी किसी से तुलना मत करो
आप जैसे है, सर्वश्रेष्ठ है।-
भाग्य
एक अनोखी कहानी लिए , आज मैं आई हूँ
भाग्य के खेल को समझाने आई हूँ !!
ये कहानी थी एक ऐसी लड़की की ,जिसे पाना था अपनों सपनों को
अपने सपनों को पूरा करने के लिए उसने दिन रात मेहनत की
वो आगे बढ़ती गयी पाने के लिए सफलता
जरा सी दिल में विश्वास् और हिम्मत लिए, सपनों की और बढ़ी
और भाग्य का खेल तो देखिये ,वो आगे बढ़ती गयी
और जब वो सफल हुई , लोगों ने उसे भाग्यशाली कह दिया-
****गीता+कुरान="गीतरान" ****
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कि मंदिर के द्वारे रहिम खड़ा है,
मस्जिद में सजदा करते राम को देर हो गई है...
कुछ धागें बंधे हैं रमज़ान के गले में,
श्याम के नाम ये तावीज़ हो गई है....
और दीपावाली मनी हैं बड़े धूमधाम गले से मिल के
मिठाई बांट के उर्दू के साथ आज काबिल ईद हो गई है.........
गीता का श्लोक पढ़ते सुना मैंने नग़मा को
आज उसे भगवत की जानकारी हो गई है,
और कृष्णा को हर हर्फ़ याद हो गया कुरान का
आज दिन की पूरी उसकी नमाज़ हो गई है......
और दीपावली मनी हैं बड़े धूमधाम से गलें मिल के,
मिठाई बांट के उर्दू के साथ आज काबिल ईद हो गई है..........
_Neha Sharma ✍️
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Tooti kalam OR auro se jalan,,,
Khud ka bhagya likhne nhi deti,,,,-
कभी अपने भाग्य को खूब सराह लेती हूँ,
दोष छिपाकर अपने उसकी पनाह लेती हूँ।
लोग कहते हैं सारा खेल ये इन लकीरों का है,
इसलिए इन्हें बदलने की अपना राह लेती हूँ।
फूटने वाला होता हैं जब मेरे कर्मों का घड़ा,
तब स्वयं की मेहनत को ही सराह लेती हूँ।
उदासी का दामन थाम ग़म की ओंट में बैठे,
कभी-कभी तो अकेले में ही कराह लेती हूँ।
इच्छाएँ ख़त्म होने का कभी नाम नहीं लेती,
एक चाह पूरी हो तो अपना नई चाह लेती हूँ।
अनजान हूँ दुनिया के दस्तूर से अब तक मैं,
नासमझी से अपनी किसी की आह लेती हूँ।
उत्तम तक़दीर पाने के लिए रोज हे! ईश्वर,
तेरे द्वार पर आ तेरी शरण में पनाह लेती हूँ।-
ಬೇರೆಯವರ ಬಗ್ಗೆ ಯೋಚನೆ ಮಾಡೋ ಜನ,
ಅವರ ಸ್ವಂತದರ ಕೆಲಸದ ಬಗ್ಗೆ ಆಲೋಚನೆ ಮಾಡಿದ್ರೆ ಬಹಳ ಉಪಯೋಗ ಆಗುತಿತ್ತು ...-
भाग्य का लिखा
कौन मिटा पायेगा भला
तुम ही मेरा भाग्य हो
तुम ही भाग्य में नहीं
तुम से ही जीवन है
तुम ही जीवन में नहीं
अब इसको ही भाग्य
मान लिया है मैंने
यदि तुम कभी जीवनचक्र
में मिल गयी तो
भाग्यशाली कहलाऊँगा मैं!!!!-
Ek stree ka bhagya
Aur ek mard ki niyat
kab badal jaye,
Koi nahi jaanta-