'वो बावफ़ा' आसमान को भी झुकना पड़ता हैं जमीन को अपनी आगोश में भरने के लिए कुछ रश्मों और रिवाजों को तोड़ना पड़ता है मोहब्बत में मोहब्बत निभाने के लिए रातों की नींद उड़ानी पड़ती है खुली आँखों से देखें ख्वाबों को हक़ीक़त बनाने के लिए मुद्दतों तक एकतन्हामुसाफ़िर की जिंदगी बितानी पड़ती हैं किसी को अपना हमसफ़र बनाने के लिए अपना शामोशहर खर्च करना पड़ता है किसी के साथ एक शुकुन का लम्हा बिताने के लिए खुद को भुलाकर उसको याद करना पड़ता हैं हर पल हर लम्हा रूहानी मोहब्बत निभाने के लिए अपनी पहचान भुलाकर भी अपनी जान को जान लुटाकर भी शिद्दत की हद तक मनाना पड़ता है उसके चेहरे की खुशी और होठों की हँसीं के लिए खुद को फ़ना भी करना पड़ता है जो इतना कुछ करने को तैयार नही हो तुम तो कभी किसी को बेवफा भी मत कहना क्योंकि किसी को बेवफा कहने के काबिल भी नही हो तुम क्योंकि ये सब नही करके तुम हो खुद बेवफा बन गए है और बिना इन सबके भी वो तुमसे मोहब्बत करती है तो वो खुद से खुद में बावफ़ा है और ताउम्र रहेगी
बज़्म-ए-याराँ में भी तन्हा बैठा हूँ सभी मोहब्बत मोहब्बत कर रहें हैं.. कोई ग़ज़ल तो कोई नज़्म सुना रहा है हम उन्हें सुन सुन के मर रहें हैं.. कोई बेवफ़ा तो कोई बावफ़ा की बात कर रहा है हम उनके दूर जाने के ख़ाब से डर रहें हैं ..
यूँ बेवजह बावफ़ा को बेवफ़ा कहा तुमने कुछ तो तक़रीर किया होता.. यूँ तन्हा छोड़कर जाना ही था तो चले जाते मेरी तसल्ली के लिए कुछ तो तदबीर किया होता.. मोहब्बत की ख़िश्त से बनाया ख्वाबों का महल फिक्र कुछ तो तामीर का किया होता.. यूँ हीं जला दी डायरी, जिसमें यादें थी हमारी 'शरण्या ' कुछ तो ख़्याल तहरीर का किया होता..
Bawafa wo hai Jo tum par kabhi shak na kare Bawafa wo hai Jo marte dam tak tumhara saath de Bawafa wo hai Jo sirf tumhe chahe tumhe pyar kare Bawafa wo hai Jo kabhi tumhare liye bura na soche Bawafa wo hai Jo tumhare saath jeeye aur mare
भरी महफिल में तन्हा बैठा दिया हमने., उनकी ज़िंदगी को इक तमाशा बना दिया हमने., बहोत नाज़ था उनको कभी मिरी वफा पर., उनको...उनकी ही नज़रों में गिरा दिया हमने., हम बेवफा थे., उनकी वफ़ा की क़द्र क्या करते... अनमोल थे वो., उन्हें ख़ाक में मिला दिया हमने...
-
Fetching #bawafa Quotes
Seems there are no posts with this hashtag. Come back a little later and find out.