नहीं पता कि फिर कहां मुलाकात होगी...
सुबह से शाम, शाम से रात होगी,
पर न जाने किसके साथ होगी..
यारों के साथ बिताया हर पल याद आएगा,
नम आंखों से सारा मंज़र नज़र आएगा.. कि..
कैसे साथ के इतने दिन गुज़र गए,
क्या-क्या किये और बिछड़ गए..
टीचर की डांट, सीनियर की फटकार,
असाइनमेंट की टेंशन और दोस्तों का प्यार..
सबके बीच रहकर जो सुकून नसीब होता था,
वो फिर मिले न मिले..
साथ में होते तो सुलझा लेते थे हर उलझन,
फिर यही किस्मत मिले न मिले..
बड़ा ही सच्चा और अच्छा सफर तय किया है,
साथ बिताया हर पल दिल के एक कोने में महफूज़ किया है..
गिले शिकवे को मिटा कर आगे बढ़ते रहना यारों..
और ज़िन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर मिलते रहना यारों...
नहीं पता कि फिर कहां मुलाकात होगी...
सुबह से शाम, शाम से रात होगी,
पर न जाने किसके साथ होगी..-
Being a batchmate the situations were related very closely,
Being a life partner the story had concluded happily.
-
जिन्दगी भर का वो प्यार बन जाते हैं
कुछ लोग सफर में परिवार बन जाते हैं
हमको गम की धूप से बचाने के लिए
फिर खुद वो शीतल बहार बन जाते हैं-
Tu pyaar ka sagar hai
Maujo ki rawaani hai
Tu nahi to dosti ka pata
Nahi, tu naa ho to to
Dushmani kaa abhaas nahi
One man only who has dimple
In my class........
Whelcom the most careful n
Jhagdaalu dost of mine
-
No one....
Literally no one....
Le Kota girls :
Tumhara batchmate batchmate...
Hamhara batchmate shaamwala bhaiya😝
-
BATCH PICNUC 2014
Chalo is safar ko ek yadgaar banayein
Rahe jiski yaad barson dilo mein kuch yun khushiyan manayein
Yaad aaye jab batch ki apne kbhi
To lab ye muskurahat se khil jayen
Har ek shakhs yahan hai spcl
Har ek ki alag pehchan hai
Chalo apne dilon me unki ye pehchayen basayein
Is akhiri safar me hum kuch aapas mein Yun bandh jayen
Yaad hamesha aaye har ek ki is batch se
Na kbhi kisi ek ko bhi hum bhool payein
Kuch spcl hai batch me humare
Aao ye hum sab ko batayein
Chalo is safar ko ek yaadgaar banayie.
-
आज मन फिर से मेरा रुआँसा हो गया
दिल सबसे मिलने को प्यासा हो गया।
जो लगता था टाइम बड़ा ये बहुत है
ना जाने वो क्यूँ आज, जरा सा हो गया।
जो हँसता मुस्कुराता समय था हमारा
क्यूँ अचानक वो हमसे खफा सा हो गया ।
आज मन फिर से मेरा रुआँसा हो गया।
मिलेंगे कभी फिर मुलाकात होगी
चाय की टपरी पर शुरू बात होगी।
ये ख़्वाब तो बस इक दिलासा हो गया।
आज मन फिर से मेरा रुआँसा हो गया।
😞😞😞😞😞😞😞😞😞-
आज तक ये समझ में नहीं आया
स्कूल बैग के जो हम पैर छूते हैं,
वो पैर होते कहां हैं यार
🤔🤔🤔-