मेरे बचपन को जिया जिस आँगन ने साथ मेरे
अचानक से उसी आँगन ने मुझे बड़ा कर दिया
सब कुछ देकर भी कुछ खाली सा कर दिया
हमेंशा के लिए उस बचपने से जुदा कर दिया
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Mujhe kisi ke badal jaane ka
Koi dukh nahi hai
Bas koi aisa tha
Jisse ye umeed nahi thi-
Tu banho me Kitna Kash...
Main Minnatein karu,,
Or Tu kahe rehne do ab bas...
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बस चलता मेरा जो,
तो रोक लेती इन अटकती साँसों को,
कुछ पल औऱ सनम,
कि ख़ुदा मेरी जरा भी सुनता न यार,
तो मांग लेती उससे,
एक औऱ ज़िन्दगी तेरे नाम यार सनम!!-
मै जरा सा हँस देती हूँ ,,🙃
जब कोई कहता है,,
आज-कल बहुत उदास रहती हो ।।😌
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Tasveer main kiska chehara hain..
Ya bas main khuli dhup main..
subah ka koi tara hain..
Tasveer main kiska chehara hain..-
कभी तुम चुप, कभी मैं चुप
इन चुप्पियों में भी,
बातें करती हैं चुप्पी..!
अहसास भर से,
ख्यालों में डूब के,
दिन के कोरे स्वपन में
बातें करती हैं चुप्पी..!
कभी दूरियों में,
कभी नजदीकीयों में,
कभी बाहों में
बातें करती हैं चुप्पी..!
बस बातें करती हैं चुप्पी..!
कुछ कह देने की चाहना,
कुछ सुननें की चाहना,
चाहतों में भी एक चुप्पी,
बस बातें करती हैं चुप्पी..!
कभी जिद्द में,
कभी अहंकार में,
कभी प्रेम अतिक्रमण में,
कभी नफरत में,
रहती हैं एक चुप्पी,
बस बातें करती हैं चुप्पी,
बात करती हैं चुप्पी...!-
Poetry subject - फर्क है !!
कितना फर्क है,,
अकेलेपन और तन्हाई में ,,
अकेले मैने खुद को किया,,
तन्हाई का एहसास दिया तेरी बेवफाई ने !!
कितना फर्क है ,,
किसी की हाँ और मनाई में ,,
हाँ मैंने तुमसे महोब्बत की बेपनाह ,,
ओर कितना झूठ है तेरी सच की भी सफाई में !!
कितना फर्क है ,,
तेरे मेरी सोच की गहराई में ,,
मैंने हर चीज दांव पर लगाई तेरे लिए ,,
ओर तुमने कैसे कह दिया एक पल में " भलाई है हमारी जुदाई में " !! #ChahatKanchan-