Banarasiya🔱
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आज़ादी दिल्ली में भले ही मिले
लेकिन सुकून बनारस में ही मिलता है,
खाना भले ही कितना खा ले यहां
लेकिन पेट तो घर आके ही भरता है।।-
आँखों में गंगा और दिल मे महादेव बसते है,
परायो को भी अपना बना ले ये कला रखते है,
ज़िन्दगी क्या होती है इसका पाठ हमे न पढाईयेगा,
क्योंकि हम तो बनारसी है गुरु, ज़िन्दगी को जीने का एक अलग अंदाज रखते है।।।-
गंगा सी बहती ज़िन्दगी,
लहरों सी हलचल ज़िन्दगी,
नाव सी डगमगाती ज़िन्दगी,
बनारस में हँसती ज़िन्दगी।-
क्या विधाता भी किसी कि
प्यार कि आग में यु जला होगा?
प्यार का संकेत दे उसको
किसी ने छला होगा?
मुझे लगता हैं किसी ने
होगा विधाता को जलाया
प्यार का प्याला बढ़ाकर
फिर उसे हटाया होगा।-
शांत वो सारनाथ सी
तड़कती वो भोलेनाथ सी
सलीका उसका गोदौलिया जैसा है
उलझती है वो रथयात्रा की जाम सी
शीतल वो घाट की शाम सी
शिव ने जैसे गंगा को बसाया है
देखो यारों मेरा महबूब खुद बनारस बनके आया है।।-
वो ठंडी हवाएं, वो बनारस की शाम
वो अस्सी की चाय, वो गंगा आरती की शाम
वो बनारस की पान, और एक तुम मेरी जान!!-