इन अश्कों में तुम्हारा अक्ष बहा दिया मैंने
अब ये ना कहना के "आखिर भुला ही दिया तुमने"-
मना लिया दिल को मग़र आँखों को जुदाई ना रास आयी l
डूब गयी अश्कों में इतना कि उभरकर बस लाश आयी l-
Yeh Jo Aankhon Se Guftagu Karte Hai
Dillon Mein Raaz Kai Hazaar Rakhte Ha
Har Ek Jhooki Nazron Par Kajal Sawar Rakhte Hai
Palkon Se Nikli Gili Ashkon Ka Tufaan Sa Khumar Rakhte Hai-
उन अश्कों से क्या सिकायत
जो सुख गई हैं!
हमारी आंखों में दर्द
तो तब होता है!
जब ज़िन्दगी रुलाती है
हमें बातों ही बातों में..।-
साथ सफ़र की कश्ती को मैंने अश्कों में डूबा रखा है
क्यों बेचैन हो तुम, मेरे ख़ुदा ने मुझको अच्छे से संभाल रखा है
सुना है मैंने फिर कोई कीमती पत्थर तलाश रहा है वो
क्यों डरते हो तुम, मैंने अपने दिल को सागर की लहरों में छुपा रखा है
खो गया है प्यार मेरा, फिर दिल के सहरदों पर क्या रखा है
खैर छोड़ो इन सब बीती बातों को उसके यादों में अब क्या रखा है
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khamosh sa afsana...
ashkon se likhaa hai.....
smjh me aa gye jaana agr tumko yeah jazbat toh thik,..na aaye toh issee baat smjh kar auro ki tarah taal Dena .....-
ठहरना भा गया है मुझे,
वरना दर बदर भटकने कि आदत तो मुझे भी थी।
अश्कों को अपने मैंने गुमशुदा कर दिया,
किसी के गले लगकर आंसुओं को आजाद करने की चाहत तो मुझे भी थी।
और नही हुआ मुकर्रर मेरे मुकद्दर में तो क्या हुआ,
मेरी नमाज़ों में तो फिर भी तेरे लिए दुआएँ ही हैं।
तुझे नहीं पसंद था ना मेरा तेरा नाम लेना! जा छोड़ दिया,
वरना तेरे नाम को अपने लबों पर सजाने में मिलती राहत तो मुझे भी थी।-
The rains have not yet stopped
How could you figure
out the tears in my eyes ??
अभि बारिश थमी
भी नहीं है
तुम इन अश्कों को
कैसे देख पाओगे ??
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DIL-E-NADAAN Tujhe hua kya hai...
Aaj tune itni dardbhari siskiya'n kyun kheche aakhir iski wajah kya hai...
Gamgeen hokar tere darmiyaan se nikle hai aah ....bta mujhe tere Dawaa kya hai....hui meem shabi aab na tara'dp, Tere Tabiyat mein istrabiyat ke hudhud ki wajah kya hai....Baha de ashko'on ka sailab darmiyaan se apne. ...shabi gham hai buri bala...
Phir kar ke pardadari aay dil -e- nadaan ab tu sukuun se soja. ...-