ना लौटकर आए, हमें तड़पता छोड़ गए,
वतन से निभाकर मोहब्बत,हमें अश्कों में छोड़ गए!!!!-
By profession Banker By passion sasta ... read more
समय का कैसा मोड है, रात दिन की दौड़ है
खुश रहने का समय नहीं, बस खुश दिखने की होड है।-
इन सब से जो उभर गया तो न जाने किधर जाऊंगा..
लिख कर मैं एक नई कहानी बिल्कुल सवर जाऊंगा!
या फिर बन कर हादसा...
एक दिन मैं गुजर जाऊंगा.....!-
अपने बिस्तर के किनारे तस्वीर हमारी रखना,
होंठो पर मुस्कान हो, बेसक आंखें भरी रखना।
सुना है हसीन बहुत है वो मुकाम मोहब्बत का,
मैं रहूं या न रहूं
तुम सफर जारी रखना...।।-
तुझसे कोसों दूर हूं
यहां घर भी खाली है
अकेला ही रहता हूं
मिलने को तरसता हूं
तस्वीर देख कर यादों में जीता हूं
रशोई में जाता हूं
तुझको ही धुंडता हूं
एहसास होते ही खाना परोसता हूं
तुझे पुकारता हूं कहीं नहीं दिखती हो
दिल को समझा कर फिर अपना
अकेले ही सो जाता हूं.. माँ.....-
रोते तो हम भी है, बस नजर नहीं आते।
तकलीफ़ तो हमे भी होता है, बस जता नहीं पाते।।
Happy Men's Day 🙂-
कुछ पाने की चाहत में
बहुत कुछ खो बैठा हूं...
इस दीवाली अपनों से दूर हो बैठा हूं
शायद ये पहली दफा है
जब दीवाली में घर न गया हूं..
दीवाली है और घर की याद रूमानी है
आंखो में कुछ सपने है..
दिल में बसते मेरे कुछ अपने है..
वक्त का आलम कुछ ऐसा है
यादें तो पुरानी है
पर ये दीवाली मुझे अकेले ही मनानी है..।-
एक मुस्कान जो दुनिया को दिखाते है हम
एक वो दर्द जो खुद से भी छुपा लेते है हम
एक उम्मीद जो अपनों से लगते है हम
एक आधार जो खुद से ही बना लेते है हम
महफिलों में बयां होती है सूरत सबकी
अपनी सीरत को तो खुद ही दाद देते है हम
चाह अम्बर कि नहीं ये धारा सुहानी है
अपनी चाहत को तो खुद ही हवा देते है हम
राह कांटो भारी हो या हो गुलिस्तां जैसी
हर हालत में कदम को बढ़ा देते है हम...।।-