🎀मेरे “ यार ”🎀
जब~जब तेरी हमें,
याद आती है।
तब~ तब ये उदास रात हमें,
गहरे ज़ख्म दे जाती है।।
उड़ाकर नींद हमारी,
हमें रोता छोड़ जाती है।
आती है जब ये उदास रात,
सारे ख़्वाब तोड़ जाती है।।
कभी आओ तुम भी मिलने हमसे,
हर रोज़ याद आकर ये रात हमारी
उदास न किया करो।
कभी करो सवेरा आकार इस दिल में,
हर रोज़ अमावस की रात न बना करो।।
~ नरेन्द्र सिंह
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