अनजाने सफ़र पर,अनजानी मंज़िल पर ,
रास्तों की तरह तेरा साथ चाहता हूं..
भटकता दूर कहीं जंगल में,
किसी राहगीर की तरह तेरा साथ चाहता हूं...
डूबती कश्ती को किनारे के लिए,
मांझी की तरह तेरा साथ चाहता हूं...
फूल और काटों की दोस्ती की तरह,
तेरा हर पल साथ चाहता हूं...
दूर आसमान में सितारों के बीच,
एक चांद की तरह तेरा साथ चाहता हूं...
बिना किसी मजहब रिवाजों को छोड़कर,
एक जिंदगी कि तरह तेरा साथ चाहता हूं...!!-
उसे मजबूरियों में मोहब्बत को छोड़कर जाना पड़ा,
तो मुझे उसकी मोहब्बत को दिल में ही दफनाना पड़ा..
उसके जाने के बाद उसकी तन्हाइयों की रात में,
ग़म की सौगात के साथ सोना पड़ा..
जब उसने नज़रें मिलाकर पूछा की रह लोगे मेरे बिना,
झूठ ना बोलते हुए भी तुझसे उस वक्त झूठ बोलना पड़ा..
उससे मिलकर जिंदगी जीनी सीखी थी,
फिर भी उससे बिछड़ना पड़ा.
हम फिर मिलेंगे,
इस उम्मीद पर उसे समझाना पड़ा.....-
उस शायर की अपनी शायरी से मुहब्बत भी क्या ख़ूब है
है तो वो शायर-ऐ- गुमनाम मग़र
उसमे शायरी से इश्क़ की हिम्मत भी क्या ख़ूब है-
हाए वो लोग गए चाँद से मिलने और फिर
अपने ही टूटे हुए ख़्वाब उठा कर ले आए
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Badi siddton se chahane Lage Hun
Pa toh nahi Shakti Tumhe,, but_😌
Chhod bhi toh nahi sakti...tumhe💞-
Agar aap se koi kahe Ki
main aapko
kabhi dhokhaa nhi dunga
Toh trust baad me kar lena
Pahle screen shot le lena
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Iss dunya mai hum aaya to hai,
Ek dushri dunya bnane ke liye,
Usse banane ke liye paiso ki jarurat nhi
Imaan ki hoti hai Or us ghar ka naam jannat hai..-
Dil me daba ek raaz hu mai....
Tere har lafzo me chupi andaaz hu mai...
Tu roye toh aasma bhi ro pade....
Tere har hasi ki muskan hu mai...-