अक्सर वो चीज रूठ जाती है
जिसे तुम चाहते हो,
मिलती नहीं वो मुकम्मल
मगर मिलकर भी चली जाती है...-
तेरे रुखसार पे ये रंज ओ गम कैसी
तू है मेरी, तो ये सिकम कैसी,
बहरहाल कोई शिकायत हो तो बताना मुझे
यूं चुपके चुपके तेरा रोना, ये जख्म कैसी.....-
आप खुश हैं, तो ये आसमां खुश हैं
खुश है ये सारा जहां
क्योंकि आज "अजीजा" खुश है
विलादत का दिन बहुत खास है
देखो ये फूलों की कलियां भी
आज तुम्हारे साथ है
खुशियों का तुम आयना बनो
मां बाप की खुशियों का तुम तारा बनो
क्या दुआ करूं तुम्हारे लिए मेरे दोस्त
तेरे लिए तो ये मेरी दुआ भी खुश है
Happy Birthday Dear Aziza Tahreem
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छोटे छोटे ख्वाहिशात का मरकज सजा रहा हूं,
मैं रहूं, या ना रहूं, सबको मोहब्बत सीखा रहा हूं,
यूं ऐश-ओ-इशरत भरे शहर में
धोखेबाजों से दिल लगा रहा हूं....-
महसूस कर लिया था मैंने
मोहब्बत दिल ए नादान की
तस्वीर तो थी उसकी ख्वाबों में
पर वो पूरी ना थी....-
ऐसे शख्स से दूरी ही बेहतर है
जिसे हम कांटो की तरह चुभने लगें
वो कैसा हमारा हमदर्द है-
मैं तन्हा परस्त तो नहीं हूं
मगर तन्हाई कुबूल करता हूं,
खामोश तो रहता हूं
पर गलत को, खुद से दूर करता हूं
चादर ओढ़ता हूं जरूर बुराई की
पर तुझ जैसा बुरा नहीं, इसका गुरूर करता हूं
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मयस्सर नहीं हर किसी को पसंद आ जाऊं
मैं फरिश्ता नहीं, जो एक पल में भा जाऊं,
कमियां तो मैंने, तुम्हारी भी देखी है
तूने तो छोड़ दिया, मैं तुझे छोड़ कहां जाऊं,
दिल को मैंने दिल ही बना रहने दिया, आयना नहीं,
जो टूटकर बिखरू, तो हर एक के हिस्से में आ जाऊं-
तू वास्ता अच्छी देती ही
मोहब्बत तो करती है, मगर जहर भी देती है ।
ये फितरत है तेरी या कोई नई अदाकारी है
जो हर रोज नए यार के संग तेरी साझेदारी है ।।-