आइना कोई भी हो चेहरा तेरा ही नजर आया हैं
मेरी हीर तुम्हे कुदरत ने हमारे लिए बनाया हैं ।
उनकी भी बातें होनी चहिए जो मंजिल पाते पाते रह गए
वक्त का फेर था नहीं तो उन्होंने भी बंजर में पेड़ उगाया हैं ।
कोशिशे तो हजारों की अपने जैसे ढूंढ़ने की मगर
जिंदगी के सफर में हमने खुद को अजनबी पाया हैं ।
सुकून भरी महफ़िल में जश्न कैसे हुआ होगा
इस जमाने मैने सबको तो परेशान पाया हैं ।
वो खरीददार तो बड़ा खुश हुआ होगा
मेरी ख़ुशी बेचकर उसने बड़ा मुनाफा जो कमाया हैं
भले ही दुनिया घूम लो मगर घर जैसी दुनिया कही नहीं
जन्नत को और कहीं नहीं मां- बाप के पैरो में पाया हैं ।
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वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है-
Meri aankhon ka thandak tha,
mere Dil ka sukoon tha wo..
Hai ab ek daur aisa bhi,
Hain dono fir se ajnabi...
मेरी आंखों का ठंडक था, मेरे दिल का सुकून था वह
है अब एक दौर ऐसा भी, हैं दोनों फिर से अजनबी
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वो पास आकर मुझे अपना कह गया,
साथ था मेरे वो मगर कुछ दूर रह गया।
अजनबी बनकर वो मेरे साथ रहा कुछ वक्त तक
जाते जाते वो शख्स मुझे दीवाना कह गया।
-rajdhar dubey-
Ittefaq se Mila that woh ajnabee
Najane kab Aziz ban gaya
Khwabon me samil hote hote
Najane kab duaon ka hissa ban gaya
Muskurana sikhate sikhate
Najane kab sukoon ka wajah ban gaya-
कोई अजनबी ख़ास हो रहा है,
लगता है फिर प्यार हो रहा है.......!!
फिर चल पड़ा दिल उसी रास्ते पर,
जहां सिर्फ आंसू ही आंसू मिला है.........!!-
Ajnabi toh raasta bhi sahi btate hai,
Ye kareeb se jaan ne wale hi aksar dard de jaate hai.-
Ye baal bhi kitne ajeeb hai jab chahti hu Chehare pr na aaye to bar bar aate hai.., jab chahti hu aaye to aate nhi ..bilkul us Jane pechane se ajanbii ki trh.. ......
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गरीब के घर में पैसा भले ही ना हो
पर प्यार बेहिसाब होता है.
जो किसी खजाने से कम नहीं-
डूबना तो तुम्हारा पहले से ही तय था...!!
आख़िर तुम ने रुलाया भी तो हमें था...!!-