अहीर रेजीमेंट बनाओ।
विश्व में नाम कमाओ।
एक बार मौक़ा तो दीजिए हम सच कर दिखाएँगे।
अहीर रेजीमेंट का पताका हम विश्व में फहराएँगे।
हमारी विजयगाथा की कहानी तब दुनियाँ गाएगी।
जब जब रेजीमेंट की पराकाष्ठा को अहीर सुनाएँगे।
एक बार मौक़ा तो दीजिए हम सच कर दिखाएँगे।
अहीर रेजीमेंट का पताका हम फिर फिर फहराएँगे।
मेजर योगेन्द्र सिंह का जज़्बा हिम्मत अहीर में जो है।
श्री कृष्ण का बहता हुआ गर्म खून उनके रगो में जो है।
विश्व के अनोखी और दुर्लभ जैसी रेजीमेंट बनाएँगे।
अपने दम पर विश्व गुरु का परचम अहीर लहराएँगे।
एक बार मौक़ा तो दीजिए हम सच कर दिखाएँगे।
अहीर रेजीमेंट का पताका हम विश्व में फहराएँगे।-
एक नींद हैं जो आती नही ,
एक नसीब हैं जो कब से सोया हुआ है!-
खून बहाकर श्रृंगार किया ह खामोश यहां हथियार नही
वंशज वासुदेव के हार तो कतई स्वीकार नही 🆗🆗-
रिश्ता उस किताब कि तरह होता है
जिसे लिखने में सालों लग जाते हैं
परंतु जलाने में कुछ ही क्षण लगते हैं-
સબકો અપના સમજતે હૈ
સબકો અપના માનતે હૈ
હા, હમ આહીર હૈ.....
પરાયે કો ભી અપના માનતે હૈ
અજાન કો ભી મદદ કરતે હૈ
હા, હમ આહીર હૈ..... -urvi a @hir 😘
સબ કે ગમ હમ ખુદ ઝીલતે હૈ
અપની ખુશિયા સબ કો બાટતે હૈ
હા, હમ આહીર હૈ.....
ના હિ ઈસ લોક કિ ચિંતા હૈ
ના હિ પરલોક કા કથન હૈ
હા, હમ આહીર હૈ.....
ગાય કો અપની માતા માનતે હૈ
તભી તો હમ ઇતને શૂરવીર હૈ
હા,, હમ આહીર હૈ.....
સબકો અપને દિલ મેં રખતે હૈ
તભી તો સબકે દિલ મે બસે હૈ
હર, હમ આહીર હૈ.....
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ये बचपन निकलने दो।
मत डालो बस्तों का बोझ,
इन नाजुक कंधों पर।
भार उठाने लायक ,
इनको बनने दो।-
हां मालूम है मुझे, मेरे इन हाथों की ये लकीरें खाली है,
पर फिर भी तुझे पाने की, एक आंस दिल में पाली है,
है चाहत मेरी एक दिन, कि तू और मैं एकसाथ हों,
निकले सीधी सुनसान सड़कों पर, और हाथों में एक दूजे का हाथ हो ।
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