I still write
Because maximum time,
comparing Human
a blank paper more trustable.
I still write,
because maximum time,
comparing human
a blank paper don't use
words another way.
I still write,
because maximum time
its better to
hide words & feelings
beetween metaphor.
I still write
because I can't find anyone
who stand on my level.
-
Instagram-@poetholicabhijeet
इंतजार है तुम्हारा,
ऐ चाँद ! आसमां में आने का।
आज आसमां में ,
ताक रहे तुझे जैसे।
भय हो तेरे ओझल हो जाने का।
इंतजार है तुम्हारा,
ऐ चाँद ! आसमां में आने का।
आसमां में चांदनी फैला,
चौक पर उतर जाने का।
प्रतीक है तेरा आना,
सुहागिनों के एक दिवसीय तप के,
पूर्ण हो जाने का ।
इंतजार है तुम्हारा,
ऐ चाँद ! आसमां में आने का।-
साधना है जीवन ,
तो मौन रहा जाए।
शब्दों के बाणों को
निःशब्द की ढाल से,
ढेर किया जाए,
साधना है जीवन,
तो मौन रहा जाए।-
बीते वक्त का हाथ थामकर,
मैं कब तक ठहर पाता हूं।
बंधन सा महसूस हो रहा,
आगे कहां बढ़ पाता हूं।
हाथ छुड़ाना है,
अब मजबूरी मेरी।
बीते वक्त को अलविदा कह,
आगे भी बढ़ नहीं पाता हूं।-
लब पे सवाल है,
क्यों इतने बवाल है।
यदि सीधी सरल है,
ये जिंदगी।
तो हर मोड़ पर,
क्यों धोखे तैयार है।-
एक उम्मीद बचा कर रखिए।
ताकि जब कहीं मिले,
तो बातों का सिरा मिल पाए।
बात लंबी न चले,
कोई बात नहीं।
लेकिन दुआ सलाम,
चलती जाए।-
दुनिया को पता भी नहीं है कुछ,
लेकिन हर किसी के जहन में,
उधेड़बुन लगी बेमिसाल है।
शांत समंदर सी है जिंदगी,
लेकिन हर किसी के मन में,
बवंडर का बवाल है।-
सिर्फ कहने के लिए है,
बहुत कुछ दिल में सबके।
लेकिन वास्तविकता के धरातल पर,
उतरने के लिए कुछ भी नहीं।
खाली गागर पड़ी है जमीं पर,
लेकिन देने के लिए कुछ भी नहीं।
-
तुम गुनाहगार कहो,
मैं गुनाहगार बनने को तैयार हूं।
तुम करों विवाह सरकारी से,
मैं एकाकी रहने को तैयार हूं।-
काश पानी ही बन बह गए होते,
पत्थर बन ना रह गए होते।
भाप और बदल बन,
गधेरों से निकल,
समुंदर मे खो गए होते।-