Abhijeet Singh Yadav   (Abhijeet Singh Yadav)
277 Followers · 289 Following

Please Unfollow krne ke liye follow na kre
Instagram-@poetholicabhijeet
Joined 10 March 2018


Please Unfollow krne ke liye follow na kre
Instagram-@poetholicabhijeet
Joined 10 March 2018
YESTERDAY AT 20:20

I still write
Because maximum time,
comparing Human
a blank paper more trustable.
I still write,
because maximum time,
comparing human
a blank paper don't use
words another way.
I still write,
because maximum time
its better to
hide words & feelings
beetween metaphor.
I still write
because I can't find anyone
who stand on my level.

-


YESTERDAY AT 19:47

इंतजार है तुम्हारा,
ऐ चाँद ! आसमां में आने का।
आज आसमां में ,
ताक रहे तुझे जैसे।
भय हो तेरे ओझल हो जाने का।
इंतजार है तुम्हारा,
ऐ चाँद ! आसमां में आने का।
आसमां में चांदनी फैला,
चौक पर उतर जाने का।
प्रतीक है तेरा आना,
सुहागिनों के एक दिवसीय तप के,
पूर्ण हो जाने का ।
इंतजार है तुम्हारा,
ऐ चाँद ! आसमां में आने का।

-


YESTERDAY AT 8:18

साधना है जीवन ,
तो मौन रहा जाए।
शब्दों के बाणों को
निःशब्द की ढाल से,
ढेर किया जाए,
साधना है जीवन,
तो मौन रहा जाए।

-


YESTERDAY AT 6:32

बीते वक्त का हाथ थामकर,
मैं कब तक ठहर पाता हूं।
बंधन सा महसूस हो रहा,
आगे कहां बढ़ पाता हूं।
हाथ छुड़ाना है,
अब मजबूरी मेरी।
बीते वक्त को अलविदा कह,
आगे भी बढ़ नहीं पाता हूं।

-


YESTERDAY AT 6:26

लब पे सवाल है,
क्यों इतने बवाल है।
यदि सीधी सरल है,
ये जिंदगी।
तो हर मोड़ पर,
क्यों धोखे तैयार है।

-


YESTERDAY AT 6:12

एक उम्मीद बचा कर रखिए।
ताकि जब कहीं मिले,
तो बातों का सिरा मिल पाए।
बात लंबी न चले,
कोई बात नहीं।
लेकिन दुआ सलाम,
चलती जाए।

-


YESTERDAY AT 6:09

दुनिया को पता भी नहीं है कुछ,
लेकिन हर किसी के जहन में,
उधेड़बुन लगी बेमिसाल है।
शांत समंदर सी है जिंदगी,
लेकिन हर किसी के मन में,
बवंडर का बवाल है।

-


YESTERDAY AT 6:04

सिर्फ कहने के लिए है,
बहुत कुछ दिल में सबके।
लेकिन वास्तविकता के धरातल पर,
उतरने के लिए कुछ भी नहीं।
खाली गागर पड़ी है जमीं पर,
लेकिन देने के लिए कुछ भी नहीं।

-


5 JAN 2023 AT 17:14

तुम गुनाहगार कहो,
मैं गुनाहगार बनने को तैयार हूं।
तुम करों विवाह सरकारी से,
मैं एकाकी रहने को तैयार हूं।

-


29 AUG 2022 AT 21:01

काश पानी ही बन बह गए होते,
पत्थर बन ना रह गए होते।
भाप और बदल बन,
गधेरों से निकल,
समुंदर मे खो गए होते।

-


Fetching Abhijeet Singh Yadav Quotes