Khaak A'ham Tha Woh, A'hmiyat De Rakhi Thi Bass🥀
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कुछ है ऐसा जो, कभी समझ नही आया।
क्यों जहन को कभी,खामोशी का खयाल नही आया।
जो सवाल है क्यों कभी, उनका जवाब नही आया।
जो अहम है मेरे लिए क्यो, उनको मेरा ख्याल नही आया।-
इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन उसका अहम होता हैं
जो उसके अपनो को भी उसका वेरी बनाता हैं
किसी को माफ़ करना हैं तो उसके जीते जी करों ना
मरने पर तो दुश्मन भी आँसू बहाता हैं-
अरसों का फासला साथ तय तो कर लिया हम ने पर अहम का एक कदम न तुम पीछे हट पाऐ और ना ही उस अहम का छिटका ऐहसास लिए एक कदम मैं आगे बढ़ पाया...
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पहले धोखा फिर बेयवफ़ायी भी वो सीख गया
आज फिर हम दोनो के आगे अहम जीत गया-
वो कमाने के शौक़ को कर्म समझता है,
काम को जीवन का मर्म समझता है।
काम से परेशान है मगर कमाई से खुश है,
वो इसको छोटी मोटी उलझन समझता है।
गाहक को समझाना खासियत है जिसकी,
हमें समझाने में खुदको अक्षम समझता है।
जब हम समझाना चाहे कोई बात उसको,
वो कहता है कि वो थोड़ा कम समझता है।
काम के बाद का सारा वक़्त हमें देता है,
वो दोस्ती को अपना पहला धर्म समझता है।
जिम्मेदारियाँ तो और भी कई है उस पर,
मगर अपने काम को सबसे अहम समझता है।-
Uske aham or mere vaham ne saalo ka rishta Minto me khatam kar diya
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"ज़िन्दगी" को केवल
दो ही "अल्फा़ज" बर्बाद करते है
पहला "अहम" और "दूसरा" वहम।
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Mera hona tere liye bhale hi kuch na sahi
magar
Tera hona mere liye bahut aham hai sanam-