अच्छे जिनको सब हैं कहते...
उनकी अच्छाई से डर लगता है...
अब तो इन हसीन चेहरों की...
मुझे बेवफाई से डर लगता है...-
Insaan Bhut
Khudgarze Hai
Pasand Kare Toh
Burai Nhi Dekhta
Nafrat Kare Toh
Acchai Nhi Dekhta-
अच्छाइयां और बुराइयां हर इंसान में होती हैं..
लेकिन, हमारा सबसे बड़ा मसला ये है कि हम हमेशा अपनी अच्छाइयों और दूसरों की बुराइयों पर नज़र रखते हैं..!
" हमारी जिंदगी की आधी परेशानियां तो उसी दिन ही खत्म हो जाएगी जिस दिन हम अपनी बुराइयां और दूसरों की अच्छाइयां तलाश करना शुरू कर देंगे..!"
कभी किसी की बुराइयां मत गिनवाओ, क्युकी ये आपकी अच्छाइयों पर भी पानी फेर देती हैं..!०
"दूसरों में बुराइयां तलाश करने वाले शख्स की मिसाल उस मक्खी की तरह है, जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोड़कर सिर्फ ज़ख्म पर ही बैठती है.!"
" दूसरों में ऐसे ही अच्छाइयां देखिए जैसे हम कांटो के बीच में सिर्फ गुलाब को देखते हैं..!"
कभी आईना देखते वक्त सूरत की जगह सीरत देखने की कोशिश करें, और अपनी बुराइयों को नज़र में रखें और उसे अच्छाइयों में बदलने की कोशिश करें..!
खुशनसीब हैं वो लोग जो अपने बुराइयां Accept तो करते हैं इस तरह वो अपने इंसान होने का सबूत तो देते हैं..!
मैंने लोगों की अच्छाइयों पर और खुद की बुराइयों पर नज़र रखना शुरू कर दिया है..क्योंकि इस तरह मैं अपनी सीरत पर कुछ और निखार तो ला सकती हूं..! क्योंकि मैं जानती हूं हर इंसान Perfact नहीं होता..!
लेकिन कोशिश तो की जा सकती है ना..!
"याद रखिए, अच्छाइयां हमेशा बुराइयों से जीत जाती हैं..!!"-
कल राहों में भटकती हुई, मुझे अच्छाई मिली थी।
गुमसुम सी , सहमी सी, बारीश मे भीग रही थी।
More in caption-
मेरी अच्छाई को अच्छा ही रहने दो,क्योंकि उत्तमता पर दाग सुहाते नहीं हैं दुनिया को..
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तमाशा वो मेरा सरे बाजार बना गया,
खुद से ज्यादा मुझे मशहूर कर गया।-
Mushkil Hai Acchai Ko Barkarar Rakhna
Daman-e-Seerat Ko Apne Paak Rakhna
Behaya Zamane Mein Haya Ikhtiyar Rakhna
Galazat Ki Baaton Se Apni Zubaan Ko Saaf Rakhna
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मेरे कुछ भी करने से ये दुनिया हैरान क्यों हैं
मुझे खुश देख के ये दुनिया परेशान क्यों हैं
मेरी काबिलियत पर किसी की नजर नहीं जातीं
मेरी गलतियों पर ही सबका ध्यान क्यों हैं
अच्छाईयाँ भी हैं मुझमें, जिनका कोई जिक्र नहीं करता
मेरी बुराइयों के ही चर्चे सरेआम क्यों हैं-