**असर**
कुछ बात तो जरूर हैं,
ये हमें क्या हुआं हैं?
दिल पर छाया हुआं,
ये कैसा सुरूर हैं?
मधुर झंकार से इस,
दिल को किसने छेड़ा हैं?
किसको पुकार रहीं,
ये दिल की धड़कन हैं?
आहट सुनने के लिए,
क्यूँ दिल बेकरार हैं?
बेचैनी से हो रहा,
ये किसका इंतज़ार हैं?
किसी की धुन में हम,
ये कहाँ खो चलें हैं?
ख्वाबों में अब किसको,
तलाश कर रहें हैं?
तनहाई के आग में हम,
क्यूँ भला जल रहें हैं?
किसकी यादों के सहारे,
अब हम जी रहें हैं?
-©Rupali Dhatrak
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