सुनो, वो पहली मुलाकात याद है ?
जब मिलने आए थे तुमसे ,
तुम जरा सा खिसकर बैठे थे,हमें अपने पास बैठाने को..
वो तुमने अपनी पलकें झुकाई थी ,मुझे अपने पास बुलाने को ...
चाह के भी मै तुमको देख न पा रहा था,पर बेताब था तुमसे नज़रें मिलाने को ...
चलो फिर एक अनजान मुलाकात करते हैं ...
फिर से वही थोड़ी थोड़ी नज़रों की टकरार करते हैं !!
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