.....Somehow.....
With every drop of falling rain🌧️
~~🤞♥️👇~~
My stupid heart wishes to fall for someone again🤪-
We wish upon
dandelions,
those that are
gone with the wind.
We wish upon
shooting stars,
those that burn
as they fall.
You still don't get it?
Our wishes are just
as fleeting.-
I didn't whisper my wishes to falling stars.
I didn't wish for one either,
For I'm constantly capturing them
On hand drawn lines--
Swinging and settling.
Swinging and settling.
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ख़ुदा ने एकदिन कानून का चक्कर लगाया,
एक बेगुनाह को अदालत में जब सज़ा,और
गुनाहगार को बाइज़्ज़त बरी होता पाया।
बहुत चिंतन,मनन करने के बाद ख़ुदा ने,
अंधे कानून के आँखों मे जादुई काजल लगाया।
इंसाफ के पटल पर वही काजल एक दिन,
एडवोकेट काजोल साहू के रूप में दुनिया ने पाया।
उम्मीद है कि ये फैसला उनका खाली न जाए,
दोषियों को सजा और निर्दोष हँसते हुए घर जाए।
तारीख़ पर तारीख़ का सिलसिला खत्म करते हुए,
मेरी दोस्त चंद hearing में सच्चाई की जीत कराए।-
Bar बार दिन ये आये,
Aaj से बेहतर तेरा कल हो जाए।
Bahut खूबसूरती से निभाती हो दोस्ती,
Ish जन्मदिन तेरी मांगी हर दुआ हो जाए पूरी।
Tere चेहरे पर खामोशी नही ये मुस्कान जो जचती है,
Aa जाए तेरी सूरत पर उम्रभर के लिए डिंपल वाली हँसी।-
Life's alike the Sea,
Having No Shore!
Diving in it's depth,
With the hope of
Divine Sun Rays..!!!
I wish there would be
a Wide smile on my face
Even at my last breath!
Having No Worries Of
Lost & Past....
Got a Present to Live,
So Haven't decided to leave!
365 days;12 months;8760 hrs
About to finish it's tasks
Discovered Something New,
Having a lot to do
Not fixing dates as things
don't work out the way
We Cook it in our Brain;
So let's give Wings to New
Year to flip & Read the
fresh beginnings on Card!!
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तुम्हें लगता है,कोई पास नही,
मगर ये दूरी भी कोई ख़ास दूर नही।
ये माना कि सफ़र आसान नही,
लेकिन मंज़िल भी है तेरे पास कहीं।
कुछ चेहरों को बेनकाब किया ज़िन्दगी ने,
जिन्हें छुपाये रखा था वक़्त के रहमों करम से।
हासिल हुआ या ना हुआ हो कुछ,
गैरों को अपना कहने का भरम टूटा है कसम से।
हाँ कुछ हालतों के मार से अभी दूर है वो,
खुलकर कहते नही लेकिन तेरे अपने हैं वो।
सच्चे हैं,दिल के अच्छे हैं और तेरी फिक्र भी करते हैं,
तेरे लबों की मुस्कान यूँ ही बनी रहे,निरंतर ये कोशिश करते हैं।-
ख़ुद सुकूं भी कभी-कभी
सुन लेता है इनकी आवाज़
पाने को गहराईयाँ अपने वजूद की
इनके शब्दों से होते हैं शृंगारित
हर तरह के मनोभाव
और पाते हैं साकार रूप
इस ब्रह्मांड सा
और इनकी शख़्सियत
सहेजी जाती है हर दिल में
अनेकों रूप में
आज दिल कर रहा है नज़र
तमाम खुशियाँ इस जहां की
इस शख़्सियत को-