QUOTES ON #TAHZEEBHAFI

#tahzeebhafi quotes

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13 APR 2020 AT 4:09

सभी मौसम है दस्तरस में तेरी
तूने चाहा तो हम हरे रहेंगे।।

- तहज़ीब हाफ़ी

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19 MAR 2020 AT 19:38

ये मैंने कब कहा के मेरे हक़ में फ़ैसला करे
अगर वो मुझ से खुश नही है तो मुझे जुदा करे
मैं उसके साथ जिस तरह गुजारता हूँ ज़िन्दगी
उसे तो चाहिए के मेरा शुक्रिया अदा करे
~Tahzeeb hafi

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7 JUN 2019 AT 8:17

तेरा चुप रहना मेरे ज़हन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया

यूँ नहीं है कि फ़क़त मैं ही उसे चाहता हूँ
जो भी उस पेड़ की छाँव में गया बैठ गया
........Tehzeev Hafi

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12 JAN 2021 AT 9:14

pahle uski khushbu maine khud par tari ki
fir us ful se milne ki tayyari ki..
itna dukh tha muze uske laut kar jane ka
ki maine apne ghar ke darwazo se muh mari ki
isi jgha par jha par kahi raste milenge
palat ke aaye to sabse pahle tuze milenge..
agar kabhi tere nam pe jang ho gai to
hum jaise buzdil bhi sabse aage khade milenge
tuze ye sadke mere zikar se janti hi hai
tuze hamesha ye sub ishare khule milenge

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12 NOV 2020 AT 7:13

तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते हो
तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो
ये ज्योग्राफिया, फ़लसफ़ा, साइकोलाॅजी, साइंस, रियाज़ी वगैरह
ये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो 
#TahzeebHafi

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26 JAN 2020 AT 11:58

किसे ख़बर है कि उम्र बस उस पे ग़ौर करने में कट रही है
कि ये उदासी हमारे जिस्मों से किस ख़ुशी में लिपट रही है

अजीब दुख है हम उस के हो कर भी उस को छूने से डर रहे हैं
अजीब दुख है हमारे हिस्से की आग औरों में बट रही है

मैं उस को हर रोज़ बस यही एक झूट सुनने को फ़ोन करता
सुनो यहाँ कोई मसअला है तुम्हारी आवाज़ कट रही है

मुझ ऐसे पेड़ों के सूखने और सब्ज़ होने से क्या किसी को
ये बेल शायद किसी मुसीबत में है जो मुझ से लिपट रही है

ये वक़्त आने पे अपनी औलाद अपने अज्दाद बेच देगी
जो फ़ौज दुश्मन को अपना सालार गिरवी रख कर पलट रही है

सो इस तअ'ल्लुक़ में जो ग़लत-फ़हमियाँ थीं अब दूर हो रही हैं
रुकी हुई गाड़ियों के चलने का वक़्त है धुंध छट रही है
-TAHZEEB HAFI

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1 AUG 2020 AT 8:21

बता ऐ अब्र मुसावात क्यूँ नहीं करता 
हमारे गाँव में बरसात क्यूँ नहीं करता

महाज़-ए-इश्क़ से कब कौन बच के निकला है
तू बव गया है तो ख़ैरात क्यूँ नहीं करता

वो जिस की छाँव में पच्चीस साल गुज़रे हैं
वा पेड़ मुझ से कोई बात क्यूँ नहीं करता

मैं जिस के साथ कई दिन गुज़ार आया हूँ
वो मेरे साथ बसर रात क्यूँ नहीं करता

मुझे तू जान से बढ़ कर अज़ीज़ हो गया है
तो मेरे साथ कोई हाथ क्यूँ नहीं करता

- Tahzeeb hafi

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9 SEP 2020 AT 21:30

जो तेरे साथ रहते हुए सोगवार हो
लानत हो ऐसे शख़्स पे और बेशुमार हो
अब इतनी देर भी न लगा ये न हो कहीं
तू आ चुका हो और तेरा इंतज़ार हो
मैं फूल हूँ तो फिर तेरे बालों में क्यों नहीं
तू तीर है तो मेरे कलेजे के पार हो
#TahzeebHafi

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30 APR 2021 AT 17:34

मैं सपनों में ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉल कर रहा हूं
और हर मरने वाले के साथ मर रहा हूं

मैं अपने लफ़्ज़ों के ज़रिए तुम्हे सांसों के सिलेंडर भेजूंगा
जो तुम्हें इस ज़ंग में हारने नहीं देंगे
और तुम्हारी देखभाल करने वालों के हाथ कांपने नहीं देंगे

ऑक्सीजन स्टॉक ख़त्म होने की खबरें गर्दिश भी करें तो क्या
मैं तुम्हारे लिए अपनी नज़्मों से वेंटिलेटर बनाऊंगा

हस्पतालों के बिस्तर भर भी जाएं
कुछ लोग तुम से बिछड़ भी जाएं
तो हौसला मत हारना

क्योंकि रात चाहे जितनी मर्जी काली हो
गुज़र जाने के लिए होती है
रंग उतर जाने के लिए होते हैं
और ज़ख्म भर जाने के लिए होते हैं
- तहज़ीब हाफ़ि

मशहूर शायर तहज़ीब हाफ़ि ( पाकिस्तान )
के द्वारा लिखी हुई ये नज़्म यक़ीनन इस बात को
बयां करती है कि जिसे इंसानित का मतलब पता है
उसके लिए सरहदें , मज़हब , दूरियां
कोई मायने नहीं रखती 🙏🏼

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31 AUG 2020 AT 10:31

Itna miTha tha vo ghusse bhara lahja mat puchh

Us ne jis jis ko bhi janne ka kaha baiTh gaya

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