चलो आज थोड़ा थोड़ा कर के खुद को जानते हैं
बहुत कुछ कहा सुना खुद के बारे में,
चलो आज खुद की नज़र से खुद को पहचानते हैं
बहुत परखा इस दुनिया ने हमें
चलो आज खुद ही खुद को आज़माते हैं
किसी और के नहीं,
अपने दिल में खुद के लिए आज प्यार जगाते हैं
चलो आज थोड़ा थोड़ा कर के खुद को जानते हैं-
After scrolling
thousands of contacts
I found only myself
with which i can
share everything-
खुद से भी प्यार जरूरी है
कुछ पल खुद को देना भी जरूरी है
कुछ पल खुद के नाम।।-
उम्मीदें बिखरी हो, भरोसा तोड़ा गया हो,
तो दिल का तड़पना तो लाज़मी है!
रो लो..जी भर कर..चीख कर..चिल्ला कर,
यूं आंसुओं को बहाना तो लाज़मी है!
नाराज़गी होगी खुद पर... उस बेवफ़ा से भी ज़्यादा,
तो कोस लो खुद को भी बेइंतहा..बेतहाशा!
खरोंच लो नाखूनों को दीवार पर ज़ख्मी होने तक,
यूं भीतर का लावा निकालना भी लाज़मी है!
दर्द जब बढ़ जाए हद से भी ज़्यादा लम्हा-लम्हा,
तो कर लो कैद खुद को उस दर्द के दरमियाँ!
थाम लो दामन रूसवाई का तन्हाई का,
यूं खुद को सताना-तड़पाना भी लाज़मी है!
(अनुशीर्षक में)-
Love yourself unconditionally
Set yourself free from burdens
It will bringe you immense joy-
सोचकर मौन हूं..
रूह से ये सवाल,
जो जाने मेरा हाल..
खुद में ही खोई हूं,
जागकर भी सोई हूं..
साधारण सी एक काया,
अंधेरे में बनी एक छाया..
खुद की तलाश में,
गम और उल्लास में..
चिड़ियों सी चहकती,
खुशबू सी हूं महकती..
खुद सोचकर ही मौन हूं,
आख़िर मैं कौन हूं!!!
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Being sarcastic is real fun..
People don’t know you li’l gal while they think they know 🤭🤭🤭
Your steps just look like theirs but they don’t know you are Phenomenally varied. 🤫
You are open book with some missing pages that’s never to be found..
That’s why I call you Phenomenal my love.
(Love letter to the gal in Mirror)-
खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो..
कुछ रौनकें खुद से भी हुआ करती हैं...-
जब अँधेरा रास आने लगे
हर एक का गम अपना सा लगे
जब गैस पर उफनती चाय से भी भाव उमड़ने लगे
व्यस्तम सड़क भी तुम्हें झंकझोर ना पाये
जब भीड़ में ख़ुद के और करीब आ जाये
जब प्यार तुम्हें अखरने लगे
खुद पर गुरूर आने लगे
धीरे धीरे दुनिया तुम्हें बेमानी लगने लगे
सोचते है क्या लोग , मायने ना रखे
बचपना ,परिपक्वता बस कहने भर के किस्से हो जाये
अपना कोई कहे तो इस मजाक पर हँसी आ जाये
किसी बच्चें पर यूँ ही प्यार आ जाये
हरदम हरपल साथ की बात की सच्चाई समझ में आ जाये
रिश्तें,खून ,जात ,मजहब से ऊपर सोच उठ जाये
चींटी भी सोचने पर मजबूर करने लगे
वक्त गुजारने को किसी के साथ की जरूरत ना लगे
आगे क्या होगा ये चिंता ना लगे
प्रतिस्पर्धा में भी जलन ना रहे
जब ख़ुद पर एेतबार बेशुमार होने लगे
शिकायत औरों से कम होने लगे
उम्मीदें बस खुद से ही होने लगे
तो समझ जाइये जनाब आप ज़ीना सीख गये.....
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