"अमर जवान"
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“चुप बेठन अब मुमक़िन नही “
कब तक चलता रहेगा ये सिलसिला
कब तक आता रहेगा ये शहादत का दिन
कब तक शहीद होंगे नौजवान
कब तक झुकते रहेंगे हर बार हम
कब तक अपनी चीज़ों को “महाभारत “
ना छिड़ जाने के डर से देते रहेंगे हम !!
क्यू फिर से “महाभारत “छेड़ने का आह्वान दिया जा रहा है
रुक जाओ वरना एक बार फिर से
“कृष्ण और अर्जुन “
को आना होगा इस धरती पर इंसान बनकर
जो जवानो की शहादत को व्यर्थ ना जाने देंगे !!
अब होगा “महाभारत “का आह्वान
और देना होगा शूरवीर की शहादत का
जवाब उन सब पाखंडियो को !!
चुप बेठन अब मुमक़िन नही !!
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" मरते वो है जो ,
खुद के लिए जीते है ।
जो दूसरों के लिए जीते है ,
वो शहीद होते है ..!! "
# Saheed Vishal Chaudhari
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जन जन का ये प्रण होगा,
संघर्ष बड़ा भीषण होगा,
हिंसा से अब तक दूर रहे,
अब और नहीं रह पायेंगे,
एक झपट्टे में ही पूरा,
खाल खींच हम लाएंगे,
बहुत हुआ अल्फाज़ों से अब,
खामोशी से मारे जाएंगे,
इस माटी के बेटे हैं हम,
माटी मे ही मिल जाएंगे !
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" फर्क़ नही पड़ता कि इस साल ,
मेरी जिंदगी में खुशियाँ आए .!
बस दुआ है कि इस साल ,
किसी माँ का लाल शहीद न हो जाए ..!! "-
" जो लौट के घर नही आए , हम उनके घर जाएंगे .!
नही देना किसी को गुलाब , हम शहीदों को फूल चढ़ाएंगे ,
मेरे देश की मिट्टी में खुशबू है उनकी ,
उसे ही माथे पर लगा कर हम वैलेंटाइन डे मनाएंगे ..!! "
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उसकी रूह को नाही ये शहादत सुकून दिला पाएगी,,,
और नाही ये तिरंगे का कफन"""
सुकून मिलेगा उसे सिर्फ उन हत्यारों के टुकड़ों को देख दफन!!!!-
" पूछ बैठा एक नादान शहीद की माँ से ,
क्या करता था तेरा बेटा .!
क्या उसकी कमाई हैं .?
माँ बोली ...
जीता था देश के लिए ,
यह वर्दी उसकी कमाई हैं ...!! "
#Saheed Vishal Chaudhari ...
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