इल्म है हमें तेरी बेहतरी का पर इतने बुरे हम भी नहीं ,
ठोकर तुमने भी खाई है
पहचान कर के देखो
हम फरेबी तो नहीं ।
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जो लगी थी आग तेरे मेरे बीच में इसे हवा ना दे
चुप हुं कि तू इतनी सी बात को बढ़ा ना दे
और अभी बस झगड़ा हुआ है रिश्ता खत्म नहीं हुआ
समझा अपनी सहेलियों को की यह झूठी खबर किसी को बता ना दे-
दिल के दर्द को सलाने निकले है हम,
खुद को डुबाने निकले है हम,
चलो घूमने निकले है हम।🤟-
A tongue has no bones, but it is strong enough to hurt someone.
Choose your words carefully.-
नदान सी उमर में न जाने क्यू इश्क़ कर बैठा,
ये इश्क़ का इल्ज़ाम भी बहुत ही खतरनाक है और मै ये गुनाह कर बैठा,
यू ही नहीं है, फकत मै ही उसे चाहा जो भी आया उस चेहरे पर मर बैठा,,-
खुनकी नदियां बहा दे वैसी तलवार बनने निकला था,
आज तलवार के भी गाँव रूज़ा दे वैसी कलम बन चुका हूं।-
दोस्ती तो हम स्कूल मै किया करते थे।
दोस्ती का बैंड लाइन से बांधा करते थे
जो कभी अपनी पसन्द को बांधना हुआ तो
हश लेते है अब, कितने ही पापड़ बेल दिए थे।
खुशकिस्मत है वो अब भी साथ है हमारे
क्युकी वो बैंड हमने आज भी संभाले है।
हम मिलते नहीं है पर फिक्र रहती है हमें
खूबसूरत है रिश्ता ना कोई इच्छा और मांग।
ये थी हमारे दोस्ती के दिन, जो आज भी अलग
होते है तो रो लेते है।।
बड़ी दूर की दोस्ती जिसका कोई मोल नहीं।
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